Baran News: राजस्थान के बारां में क्षेत्रीय विधायक डॉ. ललित मीणा और चीफ इंजीनियर पारीक नाहरगढ़ ग्रीन पार्क पहुंचे और सिंचाई सुविधाओं को लेकर किसानों व आमजन से चर्चा की.
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Baran News: राजस्थान के बारां की किशनगंज-शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के नाहरगढ़-समरानियां में सिंचाई सुविधा विकसित करने के लिए क्षेत्रीय विधायक डॉ. ललित मीणा, जल संसाधन विभाग संभागीय मुख्य अभियंता राजेंद्र पारीक ने नाहरगढ़-समरानियां क्षेत्र का दौरा किया. विधायक डॉ. मीणा और चीफ इंजीनियर पारीक नाहरगढ़ ग्रीन पार्क पहुंचे. इस दौरान सिंचाई सुविधाओं को लेकर किसानों व आमजन से सुझाव मांगे गए.
विधायक डॉ. मीणा ने कहा कि क्षेत्र में सिंचाई के पानी की मुख्य समस्या है. इसके समाधान के लिए राज्य सरकार ने विस्तृत योजना रिपोर्ट के लिए 50 लाख की राशि स्वीकृत की है, जिससे इस क्षेत्र में सिंचाई स्त्रोत का विकास हो सकेगा.
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उन्होंने कहा कि प्रयास है कि क्षेत्र में एक बड़ा बांधा बनाया जाए, जिससे यहां के जलस्तर में बढ़ावा हो. प्रत्येक गांव और हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचे. परियोजना में वन विभाग की आपत्ति भी नहीं आए और अंतरराज्यीय कैचमेंट विवाद भी नहीं बने. अगर यह संभव नहीं होगा तो फिर ईआरसीपी से इसे जोड़ने का प्रयास करेंगे.
वन विभाग की आपत्ति भी आएगी तो उसे भी दूर करेंगे. इस क्षेत्र के हर खेत को पानी देने का प्रयास किया जाएगा. खिरिया तालाब, पाट महादेव, पीपलखेड़ी, रातई लघु सिंचाई परियोजना की ऊंचाई बढ़ाने का भी मौका स्थिति देखी. इस दौरान रातई लघु सिंचाई परियोजना से डूब क्षेत्र में आई भूमि का मुआवजा नहीं मिलने पर ढिकवानी के किसानों ने 15 करोड़ का बकाया मुआवजा देने की मांग का ज्ञापन विधायक मीणा को मुख्य अभियंता के सामने दिया.
इस दौरान दर्जनों गांव के किसानों, भाजपा कार्यकर्ता, भारतीय किसान संघ कार्यकर्ता व आमजन से सुझाव लिए गए. जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता राजेंद्र पारीक ने कहा कि उनका पदस्थापन क्षेत्र में रहा है. क्षेत्र और यहां की आवश्यकता से वाकिफ है. यहां बड़े बांध निर्माण का हरसंभव प्रयास करेंगे. यहां के तालाबों की ऊंचाई बढ़ानी पड़ेगी, तो उस पर भी विचार करेंगे. अगर यह भी संभव नहीं होगा तो लिफ्ट परियोजना का प्रोजेक्ट बनाएंगे. हर गांव तक पानी जरूर पहुंचाएंगे. इस दौरान किसानों ने डूबराज और बरनी नदी के जल स्त्रोतों की लोकेशन के सुझाव दिए है.
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चीफ इंजीनियर राजेंद्र पारीक ने कहा कि विभाग ने डीपीआर के सर्वे के लिए टेंडर एक कंपनी को दिया है. जल्द ही निजी कंपनी यहां पर सर्वे शुरू करेगी. उसके बाद ही सिंचाई स्त्रोत की तस्वीर साफ हो सकेगी. इस दौरान बारां जल संसाधन विभाग कार्यवाहक एसई प्रेमचंद मीणा, एईएन, जेईएन सहित भारतीय किसान संघ, किसान महापंचायत, भाजपा कार्यकर्ता, आमजन व बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.