Prakash Ambedkar Statement: जब ये सवाल बाबासाहेब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर से पूछा गया तो उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संविधान निर्माता पर टिप्पणी भाजपा की “वही पुरानी मानसिकता” को दर्शाती है.
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Amit Shah on Baba Saheb Ambedkar: अमित शाह के राज्यसभा में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर दिए बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है. विपक्ष का कहना है कि गृह मंत्री की टिप्पणी बाबा साहेब का अपमान है और उनको इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. इस पर बाबा साहेब की फैमिली का क्या कहना है? जब ये सवाल बाबासाहेब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर से पूछा गया तो उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संविधान निर्माता पर टिप्पणी भाजपा की “वही पुरानी मानसिकता” को दर्शाती है.
वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को पुणे में संवाददाताओं से कहा, “भाजपा के अस्तित्व में आने से पहले इसकी पूर्ववर्ती जनसंघ और आरएसएस ने संविधान को अपनाए जाने के समय बाबासाहेब का विरोध किया था.” उन्होंने कहा कि शाह के बयान से भाजपा की वही पुरानी मानसिकता सामने आ गई है.
प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “बयान में कुछ भी नया नहीं है. वे अपनी पुरानी योजनाओं को अमल में नहीं ला पा रहे हैं. कांग्रेस के कारण नहीं बल्कि बाबासाहेब आंबेडकर के कारण और वे इसी तरह नाराज रहेंगे.”
सपने में भी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकता: अमित शाह
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर पर दिए गए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और कहा कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते हैं. शाह ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है. मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं.’’
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कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया.
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर.... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.’’
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे.
उन्होंने कहा, ‘‘इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर की विरोधी पार्टी है. कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है. कांग्रेस ने सावरकर का भी अपमान किया. कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी. नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया.’’
शाह ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया. सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब यह पूरा सत्य उजागर हो गया तो कल से कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को आजमाते हुए बातों को तोड़ मरोड़ कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहना कर समाज में भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है.’’
शाह ने कहा कि वह उस पार्टी से आते हैं जो सपने में भी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकते.