Delhi News: पेटा (Peta) अधिकारी के मुताबिक, 'दिल्ली के अपराधियों की पहचान में मदद करने वाले को पेटा की ओर से 50,000 रुपये तक का ईनाम दिया जाएगा. पेटा इंडिया द्वारा जारी बयान के अनुसार दिल्ली के वेलकम पुलिस थाने में इस बावत FIR दर्ज की गई है. पुलिस की जांच जारी है.
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Knife attack on dogs in Delhi: पशुओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ पेटा के लोग आए दिन प्रदर्शन करते रहते हैं. पेटा के तमाम कार्यकर्ता अपने संगठन के लिए वालंटियर के तौर पर काम करते हैं. इस बीच पेटा (PETA) इंडिया ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में दो आवारा कुत्तों को चाकू से गोदने के मामले में शामिल संदिग्धों का सुराग देने वालों को 50,000 रुपये तक का ईनाम देने का ऐलान किया है. आपको बताते चलें कि पिछले हफ्ते कबीर नगर में दो दिन के अंतराल पर किये गये इन हमलों में एक कुत्ते की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया.
पशु प्रेमियों में आक्रोश
‘पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स’ (पेटा) के एक अधिकारी ने बताया कि 5 दिसंबर की रात को चाकू से हमले में घायल कुत्ते का इलाज किया जा रहा है, जबकि 6 दिसंबर की रात को जिस कुत्ते पर हमला हुआ, उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. पशुओं से क्रूरता करने वाले अपराधियों यानी उसे मौत के कगार पर पहुंचाने वाले कथित हत्यारों का अबतक कोई पता नहीं चल पाया है. स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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50000 रुपये के इनाम का ऐलान
पेटा अफसरों ने ये भी कहा, 'दिल्ली के अपराधियों की पहचान में हमारी टीम की मदद करने वाले को पेटा संगठन की ओर से 50,000 रुपये तक का ईनाम दिया जाएगा. पेटा इंडिया द्वारा जारी बयान के अनुसार दिल्ली के वेलकम पुलिस थाने में इस बावत एफआईआर दर्ज की गई है, दिल्ली पुलिस अपने स्तर से भी विवेचना कर रही है.
एक बड़ा वर्ग ऐसा भी
इस खबर से इतर दूसरी ओर पूरे भारत में एक वर्ग ऐसा भी है जो आवारा पशुओं खासकर कुत्तों की वजह से लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर जिला प्रशासन (नगरपालिका या नगर निगम) के खिलाफ मुखर रहता है. दरअसल दिल्ली समेत देशभर में कुत्तों के हमले से हो चुकी कई छोटे बच्चों की मौत का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में गूंज चुका है. इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है. दूसरी ओर कुछ लोग पेटा संगठन से जुड़े लोगों पर मनमानी करने/परेशान करने का आरोप भी लगाते हैं. वहीं आवारा पशुओं की समस्या का समाधान न होने पर आज भी बहुत से लोग आवारा कुत्तों को देखकर रास्ता बदल देते हैं या अकेले में उस तरफ नहीं जाते, जहां पर आवारा कुत्ते बैठे या घूम रहे होते हैं. (इनपुट-PTI)