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Uttarakhand Nainital News: गर्मी का सीजन धीरे धीरे चरम पर आ रहा है. इस दौरान पानी की समस्या लोगों को ज्यादा परेशान करती है. 'जल है तो कल है'. 'जल ही जीवन है'. 'पानी बचाओ- जिंदगी बचाओ' जैसी प्रेरणादायक बातों से काम नहीं चल रहा है. समस्या विकराल हो रही है. ऐसे में सभी को फौरन जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. पहाड़ हो या मैदान या देश के तटीय इलाके, पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक जलसंकट दिख रहा है. इससे निपटने के लिए उत्तराखंड के नैनीताल जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है.
यहां बात तालों में ताल नैनीताल की जहां इस खूबसूरत टूरिज्म सिटी में हर कोई सपनों का घर बनाना चाहता है. नैनीताल, उत्तराखंड के खूबसूरत शहरों में एक है. ऐसे में अगर आप भी वहां आशियाना बनाने यानी घर बसाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. दरअसल इस शहर में बीते कुछ सालों से गर्मी के सीजन में पानी की किल्लत एक विकराल समस्या का रूप ले चुकी है. पानी की परेशानी से बचने के लिए नैनीताल प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. इसे पानी बचाने की दिशा में उठाया गया कारगर कदम माना जा रहा है.
नैनीताल में जलसंकट
नैनीताल में नैनी झील ही पानी का एकमात्र स्रोत है. ऐसे में जल संकट को देखते हुए यहां घर बनाने और गाड़ियों को धोने के लिए पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है.
अथॉरिटी का बड़ा फैसला
नैनीताल की देखभाल के लिए जिम्मेदार लोगों यानी प्रशासन कड़ाई से इन फैसलों को लागू कराने की बात कह रहा है. वहीं स्थानीय लोगों में इस फैसले को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिला प्रशासन ने गर्मी के सीजन में नया घर बनवाने और बाइक एवं कारों की पानी से धुलाई पर रोक लगा दी है. प्रशासन ने जनता से इन फैसलों का पालन करने की अपील की है.
पानी के नए कनेक्शन पर रोक
नैनीताल के कलेक्टर यानी डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पूरे जिले में पेयजल की किल्लत को देखते हुए पानी के नए कनेक्शन जारी करने पर रोक लगा दी गई है. इसी के साथ भवन निर्माण में भी पानी के बड़े पैमाने पर होने वाले इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया है.
पानी के लीकेज पर जुर्माना
डीएम वंदना ने ये भी बताया कि घरों की छत से पानी के लीकेज यानी पानी गिरता देखे जाने पर भी कार्रवाई की जाएगी. कुमाऊं कमिश्नर ने भी जनता से इस नेक काम में सहयोग देने की अपील की है. जल निगम और अन्य विभागों में समन्वय बनाकर काम किया जाएगा. इसी के साथ ही पेयजल की समस्या का प्रमुखता से समाधान निकालने का भरोसा जनता को दिलाया गया है.