Amritpal Singh का इरादा पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना है और ये बरिंदर सिंह के अपहरण और हमले से स्पष्ट है. बरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि अमृतपाल के सहयोगीयों ने अजनाला से उनका अपहरण कर लिया और अज्ञात स्थान पर ले जाकर मारपीट की.
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Khalistan supporter अमृतपाल सिंह पुलिस की कार्रवाई को शायद पहले ही भाप चुका था. अमृतपाल सिंह अपने और समर्थकों के खिलाफ पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई शुरू होने से पहले ही 5 बड़े कार्यक्रमों में शामिल हुआ था. इस कार्यक्रम में उसने सिखों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की. 800 से 1000 लोगों को कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने को कहा. ये जानकारी एक अधिकारी ने दी. उन्होंने दावा किया है कि कट्टरपंथी उपदेशक की भड़काऊ गतिविधियों ने समाज के ताने-बाने को कमजोर करने का काम किया है. अमृतपाल अपने भाषणों और धर्म उपदेशों के दौरान आरोप लगाया कि सरकार सिखों को उनके हथियारों के लाइसेंस को रद्द कर निहत्था करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
18 मार्च से पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
पिछले साल वर्ष 2022 में 'वारिस पंजाब दे' के संस्थापक अभिनेता कार्यकर्ता दीपू सिद्धू की मृत्यु के बाद अमृतपाल संगठन का प्रमुख बना था. राज्य में 18 मार्च को पुलिस द्वारा अमृतपाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई थी और उसके कई समर्थकों को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उपदेशक फरार चल रहा है. उपदेशक और उसके समर्थकों द्वारा गिरफ्तार एक सहयोगी की रिहाई के लिए 23 फरवरी को अमृतसर के पास अजनाला थाना पर धावा बोलने के कुछ हफ्ते बाद ये कार्रवाई शुरू की गई है. अजनाला प्रकरण से पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद की वापसी की आशंका जताई गई थी.
शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना है मकसद
अधिकारी ने कहा कि अजनाला की घटना ने राज्य में खालिस्तानी उग्रवाद के फिर से जड़ें जमाने के आशंकाओं को जगा दिया है. अमृतपाल सिंह का इरादा पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना है और ये बरिंदर सिंह के अपहरण और हमले से स्पष्ट है. बरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि अमृतपाल के सहयोगीयों ने अजनाला से उनका अपहरण कर लिया और अज्ञात स्थान पर ले जाकर मारपीट की. मुंबई में रह चुके अमृतपाल के समर्थकों ने आरोपी तूफान सिंह की रिहाई के लिए थाने पर धावा बोला था. अधिकारियों के अनुसार अजनाला की घटना के दौरान उसने खुले तौर पर अधिकारियों को चुनौती भी दी थी. इस घटना में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. अधिकारी का आरोप है कि अमृतपाल सिंह ने हिंसा और हथियार की संस्कृति को बढ़ावा दिया. अपने घातक एजेंडे के लिए युवाओं का शोषण किया.
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