Ajit Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से अब तक स्थिति साफ नहीं हुई है. इस बीच अजित पवार एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. जबकि महायुति के अन्य दो बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे मुंबई में हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अजित पवार दिल्ली में अकेले क्या कर रहे हैं और एक हफ्ते में दूसरी बार अमित शाह से क्यों मिलना पड़ रहा है.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा नतीजों के बाद राजनीति काफी दिलचस्प हो चुकी है. साथ ही महायुति की तीनों बड़ी पार्टियों की मंशाओं पर सवाल उठने शुरू हो चुके हैं. 5 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं. हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं किया गया है. दावा है कि भाजपा विधायक दल की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो सकता है. दुविधा यहीं खत्म नहीं हो रही, क्योंकि अभी पार्टियां मंत्रालयों को लेकर भी अड़ी हुई हैं. ये सवाल उस समय और वाजिब हो गया जब देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में हैं और अकेले अजित पवार दिल्ली में बैठे हुए हैं?
अजित पवार महायुति के बाकी नेताओं से थोड़ा अलग चलते दिखाई दे रहे हैं. सोमवार को दिल्ली पहुंचे अजित पवार आज (मंगलवार) भाजपा की टॉप लीडरशिप से मुलाकात करेंगे लेकिन उससे पहले उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और उनका यही कदम चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि एक हफ्ते के दौरान अजित पवार दूसरी बार अपनी पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मंत्रियों के बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा के लिए वह एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं.
दावा है कि अजित पवार गुट ने भाजपा से सीएम बनाने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया है, वहीं तीनों पार्टियां कैबिनेट में सत्ता के बंटवारे को लेकर तनावपूर्ण बातचीत में उलझी हुई हैं. एक तरफ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं तो एनसीपी को लेकर भी कहा जा रहा है कि वो वित्त मंत्रालय की मांग कर रही है. हालांकि सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि भाजपा ये दोनों मंत्रालय नहीं देना चाहती.
सवाल यह भी है कि अजित पवार बार-बार प्रफुल्ल पटेल समेत अपनी पार्टियों के अन्य दिग्गजों के साथ मुलाकात क्यों कर रहे हैं? ये तो वक्त आने पर ही पता लगेगा लेकिन जब अजित पवार पिछली बार अपनी पार्टियों के नेताओं से मिले थे तो उन्होंने कहा था कि वो एनसीपी को फिर से राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने पर जोर दे रहे हैं. इसके लिए वो दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लेंगे और फिर से पार्टी को उसकी पुरानी पोजिशन दिलाएंगे. उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ समय से एनसीपी सिमटती चली गई लेकिन अब एक बार फिर से हम पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लेकर अब सभी की निगाहें कल (4 दिसंबर) को राज्य के विधान भवन में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक पर टिकी हैं, जहां पार्टी की तरफ से महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में अपने उम्मीदवार का ऐलान किए जाने की उम्मीद है. जबकि बीजेपी के एक सीनियर नेता ने रविवार को बताया कि महाराष्ट्र के नए सीएम के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है. महायुति की शानदार जीत के बाद दो बार सीएम रहे फडणवीस को शीर्ष पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा था.
गौरतलब है कि भाजपा ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में आज़ाद मैदान में होगा.