'मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो'...पढ़िए रियाज खैराबादी के मशहूर शेर

Harsh Katare
Nov 28, 2024

ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते क्यूँ बुरे बनते हो तुम नाहक़ किसी के वास्ते

देखिएगा सँभल कर आईना सामना आज है मुक़ाबिल का

दिल-जलों से दिल-लगी अच्छी नहीं रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं

अच्छी पी ली ख़राब पी ली जैसी पाई शराब पी ली

मय-ख़ाने में मज़ार हमारा अगर बना दुनिया यही कहेगी कि जन्नत में घर बना

मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो मुट्ठी में उन की दे दे कोई दिल निकाल के

दर्द हो तो दवा करे कोई मौत ही हो तो क्या करे कोई

भर भर के जाम बज़्म में छलकाए जाते हैं हम उन में हैं जो दूर से तरसाए जाते हैं

हमारी आँखों में आओ तो हम दिखाएँ तुम्हें अदा तुम्हारी जो तुम भी कहो कि हाँ कुछ है

बात दिल की ज़बान पर आई आफ़त अब मेरी जान पर आई

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