धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यम का दीपक, जानें यमराज की पूजा का महत्व और पौराणिक मान्यता
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धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यम का दीपक, जानें यमराज की पूजा का महत्व और पौराणिक मान्यता

Dhanteras Yam Ka Deepak: दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस के दिन यमराज की पूजा और यम दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. आइए जानते हैं.

धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यम का दीपक, जानें यमराज की पूजा का महत्व और पौराणिक मान्यता

Dhanteras 2024: दिवाली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है. दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेर जी और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा के अलावा धनतेरस की रात यमराज की भी पूजा की जाती है. इस दिन यमराज के नाम पर एक दीया जलाया जाता है. धनतेरस की रात दक्षिण दिशा में चार मुख वाला दीया जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहते हैं. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ. रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कि यम के नाम पर दीया क्यों जलाया जाता है. बता दें कि इस बार दिवाली 31 अक्टूबर और धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई जाने वाली है.

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धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यम का दीपक
धनतेरस के दिन यानी छोटी दिवाली की रात यमराज के नाम पर दीया जलाने के पीछे एक पौराणिक कथा है. कथा के अनुसार एक राज्य में हेम नाम का राजा था जिसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई. राजा ने जब अपने बेटे की कुंडली पंडितों को दिखाई तो उन्हें पता चला कि विवाह के चार महीने बाद ही बेटे की मृत्यु हो जाएगी. ऐसे में राजा को चिंता हुई और उन्होंने राजकुमार को ऐसी जगह भेज दिया जहां किसी लड़की की परछाई भी उस पर न पड़े.

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अकाल मृत्यु से बचने के लिए
राजा की सावधानी के बावजूद उनके बेटे ने एक राजकुमारी से विवाह कर लिया. विवाह के चार दिन बाद यमराज के दूत राजकुमार के पास आए. यमराज को देखकर राजकुमार की पत्नी खूब रोई. जिसके बाद यमराज के दूतों में से एक ने कहा कि हे यमराज ऐसा कोई उपाय नहीं है जिससे व्यक्ति अकाल मृत्यु से बच सके. तब यमराज ने कहा कि जो भी व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शाम के समय मेरे निमित्त दक्षिण दिशा में दीपक जलाएगा वह अकाल मृत्यु से बच जाएगा. कहा जाता है कि इसी वजह से हर साल धनतेरस की रात को यमराज के नाम पर एक दीपक जलाया जाता है.

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इस दिन मनाई जाएगी धनतेरस
हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. वैदिक कैलेंडर के अनुसार इस साल धनतेरस तिथि 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:31 बजे शुरू होगी और 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01:15 बजे समाप्त होगी. यानी धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाई जाएगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee News किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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