Sironj Teacher Farhadunnisa Khan: विदिशा जिले के सिरोंज की शिक्षिका फरहतुन्निसा खान ने छात्रों को स्कूल से अनुपस्थित न होने को लेकर एक बेहद अनोखी पहल की है. वह अनुपस्थित छात्र ढोलक लेकर पहुंच जाती हैं.
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दीपेश शाह/विदिशा: जिले के सिरोंज के बेरखेड़ी ग्राम के स्कूल में पदस्थ शिक्षिका फरहदुन्नीसा खान अपने अलग अंदाज के लिये प्रेरणा का स्रोत बन गई है. जो विद्यार्थी स्कूल से गैर हाजिर रहते हैं. उनको स्कूल लाने के लिए यह शिक्षिका उनके घर पहुंच जाती हैं. साथ में ढोलक और स्कूल के बच्चे भी होते हैं. फिर घर पर पुकार लगाई जाती है कि अमुक की मम्मी अमुक को स्कूल भेजो - अमुक के पापा अमुक को स्कूल भेजो.
नवाचार को सरकार ने भी सराहा
बता दें कि इस नवाचार के चलते इस स्कूल में 95 प्रतिशत विद्यार्थी उपस्थित रहते हैं. उनके इस नवाचार को सरकार ने भी सराहा और राज्यस्तरीय "बिजू भाई सम्मान" राज्यपाल महोदय द्वारा दिया गया. साथ ही गांव वाले भी अपने स्कूल टीचर की बहुत प्रशंसा करते हैं. एक महिला ने कहा कि मेडम के प्रयासों के चलते बच्चे स्कूल जाकर पढ़ाई कर पा रहे हैं. लोगों का कहना कि हमारी मेडम बहुत अच्छी हैं, गांव में घूमकर घर-घर से बच्चे जमा कर स्कूल ले जाती हैं. आज अमन स्कूल नहीं आया था, उसको बुलाने का मेडम तरीका हमने भी अपनी आंखों से देखा.
कई तरह के नवाचार करती रहती हैं टीचर
एक बच्चे ने कहा कि सब बच्चे स्कूल आयें इसके लिये हमारी टीचर हमेशा कुछ न कुछ करती रहती हैं. उन्होंने एक डायरी बनाई है. जिसमें सारे बच्चों के हस्ताक्षर करवाये गए हैं. इसके बाद दूसरा काम यह किया कि उपस्थित बच्चों के माता पिता के नाम बोर्ड पर लिख दिये. जब अनुपस्थित बच्चों को इसका पता चला तो वे भी स्कूल आने लगे ताकि उनके मां बाप का नाम भी बोर्ड पर लिखा जाए. फिर यह ढोलक वाला तरीका तो है ही.
अपना काम पूरी ईमानदारी से करने का प्रयास कर रही हूं: शिक्षिका फरहद
वहीं नवाचार और बच्चों को स्कूल अलग तरीके से बुलाने को लेकर फरहद टीचर कहती हैं कि भगवान ने गुरु बनाया है तो मैं अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करने का प्रयास कर रही हूं. उनकी कर्तव्यपरायणता दूसरे लोगों के लिये प्रेरणा का कार्य कर रही है.