Gwalior Hunted Story: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक कोठी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह भूतिया है. इस कोठी का निर्माण बलवंत राव शिंदे ने करवाया था जो कि सिंधिया राजघराने से जुड़े थे. इस हवेली का निर्माण आध्यात्म के लिए एकांत में किया गया था. समय के साथ यह खंडहर में तब्दील हो गई और अब लोग वहां जाने से डरते हैं. कई लोगों का दावा है कि उन्होंने यहां अजीबोगरीब चीजों का अनुभव किया है. आइए जानते हैं ग्वालियर की इस रहस्यमयी इमारत की कहानी.
ग्वालियर में एक पुरानी और खंडहर हो चुकी कोठी है जिसे बलवंत राव की कोठी के नाम से जाना जाता है. इस कोठी के बारे में कई अजीबोगरीब कहानियां प्रचलित हैं. लोगों का कहना है कि यहां भूत रहते हैं और यहां अजीबोगरीब चीज़ें होती हैं. हालामकि इन दावों की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
यह डरावनी कोठी ग्वालियर के हरिशंकर पुरम इलाके में है. यह हवेली आस-पास के इलाकों में 'बलवंत भैया की कोठी' के नाम से मशहूर है. बलवंत राव शिंदे का ताल्लुक सिंधिया परिवार से था. वे विद्वान, कलाप्रेमी और कुशल वास्तुकार थे.
यह कोठी एक रहस्यमयी है. यह कोठी अपने आप में एक कहानी है जो अतीत की झलक दिखाती है. यहां के लोगों का कहना है कि यह कोठी काफी रहस्यमयी है. लोग दिन में भी वहां जाने से डरते हैं.
इस कोठी का निर्माण बलवंत राव शिंदे ने करवाया था. वे सिंधिया राजघराने से ताल्लुक रखते थे. हालांकि वे सीधे राजघराने से नहीं थे, लेकिन उन्हें शाही सुविधाएं मिलती थीं. वे एक शिक्षित, आध्यात्मिक और कला प्रेमी व्यक्ति थे.
बलवंत राव ने ग्वालियर के इतिहास, कला, संस्कृति और आध्यात्म पर कई किताबें लिखीं. वे एक कुशल वास्तुकार भी थे और उन्होंने ग्वालियर में कई ऐतिहासिक इमारतें बनवाईं थीं.
जानकारी के अनुसार बलवंत राव ने आध्यात्म के लिए एकांत में इस कोठी का निर्माण करवाया था. यह हवेली शहर से दूर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद थीं.
आस-पास रहने वाले लोग इस कोठी के पास जाने से डरते हैं. कई लोगों का दावा है कि उन्हें यहां कुछ अजीब सा महसूस हुआ है. उन्हें यहां किसी की मौजूदगी का अहसास होता है. हालांकि ज़ी न्यूज़ ऐसी किसी बात का समर्थन नहीं करता है.
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