Indore News: एक कहावत है कि "हर सफल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है." ये कहावत सिर्फ कहने मात्र के लिए नहीं है बल्कि इसे इंदौर के एक कपल ने सच कर दिखाया है. असफलता के बाद पत्नी से मिली प्रेरणा आज 100 करोड़ की कंपनी में तब्दील हुई है, जिसकी चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है. ये कपल आज के दौर के लिए एक उदाहरण पेश कर रहा है.
यह कहानी है इंदौर के युवा स्टार्टअप अभिजीत अकोलेकर की, जिनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. हार न मानते हुए आज 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दुनियां में अपना नाम कमाया है.
अभिजीत अकोलेकर अपनी सफलता का पूरी श्रेय अपनी पत्नी को देते हैं. पत्नी से मिली प्रेरणा और हिम्मत ने उन्हें आज ये मुकाम हासिल करने में मदद की है.
दरअसल, अभिजीत ने आज साइबर सिक्योरिटी और सुरक्षा के क्षेत्र में 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है. 3 साल में खड़ी की "C-9 (पिनाक इन्फो-सेक प्रा. लि.)" भारत की प्रमुख साइबर सिक्योरिटी कंपनी में से एक है.
अभिजीत बताते हैं कि यहां तक का सफर बहुत ही आसान नहीं था. बचपन में आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा था. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए मेले और बाजारों में खिलौने तक बैचने का काम किया है.
पढ़ाई पूरी होने के बाद एक साल आईटी कंपनी में काम किया. कंपनी चेंज की फिर वहां 6 साल तक नौकरी करी. उन 6 सालों में अभिजीत को साइबर अटैक की घटनाओं को बारे में पता चला. जिसके बाद उन्होंने 2012 में खुद की कंसल्टिंग शुरू कर दी और इस बीच 2014 में उनकी शादी मानसी से हुई.
कंपनी में अच्छे ग्रोथ के बाद अभिजीत को 2018 में आइडिया आया कि क्यों न छोटे बिजनेस को साइबर सिक्योरिटी दी जाए. अभिजीत ने अपने इस आइडिया पर काम शुरू किया ही था कि तभी कोरोना महामारी के फैलने से उनके बिजनेस में करीब 20 लाख रुपए का नुकसान हो गया.
2022 के वक्त अभिजीत की पत्नी मानसी ने साइबर में सबसे ज्यादा अटैक फिशिंग के बारे में बताया. मानसी की प्रेरणा और हिम्मत से अभिजीत को उनके सपने को साकार करने में मदद मिली.
फिशिंग जैसे साइबर अटैक के लिए अभिजीत की कंपनी ने एंटी स्कैम प्रोडक्ट तैयार किया जिससे अगर कोई किसी कंपनी का डुप्लीकेट ईमेल बनाता है तो उसका तुरंत पता लगाया जा सके. अभिजीत की कंपनी साइबर क्रिमिनल एक्टिविटीज से सेफ्टी देने के साथ- साथ 40 करोड़ लोगों का डेटा बचाने का दावा भी करती है.
अभिजीत की पत्नी मानसी अपनी कंपनी C9 लैब में बतौर एचआर का काम संभालती हैं. C9 लैब के एक सदस्य को गूगल ने भी 'Hall of Fame' में स्थान दिया है.
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