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एक गांव..चार पंचायतें..दो जिले..अजब-गजब MP में बसा है अनोखा गांव

mp news: एमपी का एक गांव जहां हर चीज है अजब -गजब डबल. डबल चौकी गांव करता है लोगों को कन्फ्यूज, क्योंकि यह गांव एक है और पंचायत चार! 

 

डबल चौकी गांव

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डबल चौकी गांव

एमपी का डबल चौकी गांव जो इंदौर-बैतूल हाईवे पर स्थित है, अपने आप में ही काफी हैरान करता है. गांव की कई बातें लोगों को असमंजस में रखती है. गांव का एक हिस्सा इंदौर जिले में, तो दूसरा हिस्सा देवास जिले में आता है.

 

चार पंचायतें और एक गांव

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चार पंचायतें और एक गांव

इस डबल चौकी गांव की कहानी बड़ी अजीब है. यहां हर कुछ ही डबल है चाहे वो जिला हो या फिर पंचायत. कुछ अगर डबल नहीं है तो वह बस ये गांव है. यह गांव इंदौर-बैतूल हाईवे पर स्थित है.

 

असमंजस का गांव

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असमंजस का गांव

इस गांव को असमंजस का गांव कहना सही होगा क्योंकि, राजस्थान झालावाड़ का भवानीमंडी स्टेशन भी दो राज्यों के बीच पड़ता है. ट्रेन का इंजन राजस्थान में होता है, जबकि गार्ड का डिब्बा मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में होता है.

 

देवास जिला या फिर इंदौर जिला

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देवास जिला या फिर इंदौर जिला

डबल चौकी गांव एक है लेकिन गांव 4 पंचायतों में बंटा हुआ है. यहां के स्थानीय लोग भी कन्फ्यूज रहते है कि वे देवास जिले में है या फिर इंदौर जिले में. गांव की यह अजीब भूगौलिक स्थिति  कन्फ्यूजन पैदा करती है.

 

जिले का नाम बदला जाता है

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जिले का नाम बदला जाता है

स्थानीय लोग बताते है कि सरकारी कागजों में पता लिखने पर जिले का नाम बदल दिया जाता है. गांव का अधिक्तर  हिस्सा ग्राम पंचायत अखेपुर में आता है.

 

डबल चौकी नाम पड़ने की कहनी

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डबल चौकी नाम पड़ने की कहनी

गांव का नाम डबल चौकी पड़ने की कहानी राजा -महाराजाओं के समय का है. कहते हैं कि उस जमाने में  गांव से निकलने वाला नाला इन दोनों रियासतों की सीमाएं निर्धारित करता था और यहां यहां दोनों की चौकियां थीं इसलिए इस गांव का नाम डबल चौकी पड़ गया. 

 

गांव करता है इंदौर और देवास जिले को अलग

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गांव करता है इंदौर और देवास जिले को अलग

डबल चौकी गांव इंदौर से 25 किमी की दूरी पर पड़ता है और दो जिले इंदौर और देवास को अलग करता है. डबल चौकी के रोड की एक तरफ इंदौर तो दूसरी ओर देवास की सीमा पड़ती है. इंदौर-बैतूल हाईवे पर स्थित होने से गांव फुटकर कारोबार का बड़ा केंद्र है.