डॉक्टरों की चिकित्सा बचाओ-चिकित्सक बचाओ यात्रा कल पहुंचेगी भोपाल, चरमरा सकती हैं स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं!
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डॉक्टरों की चिकित्सा बचाओ-चिकित्सक बचाओ यात्रा कल पहुंचेगी भोपाल, चरमरा सकती हैं स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं!

प्रदेशभर के 8 से 10 हजार डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन हफ्ते भर पहले से शुरू किया है. प्रदेश के कई जिलों से चिकित्सा बचाओ- चिकित्सक बचाओ यात्रा जो निकली थी, वो अब कल भोपाल पहुंचने वाली है.

डॉक्टरों की चिकित्सा बचाओ-चिकित्सक बचाओ यात्रा कल पहुंचेगी भोपाल, चरमरा सकती हैं स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं!

प्रिया पांडेय/भोपाल: साल 2023 मध्यप्रदेश का चुनावी साल है. ऐसे में लोग और संगठन सरकार से अपनी मांग कैसे भी मनवाना चाहता है. अब ऐसे में जहां संविदा कर्मचारियों (samvida karmchari) ने हड़ताल शुरू की तो वहीं अब इसमें लैब टैक्निशियन (lab technician) भी जुड़ गए है. इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने भी हड़ताल की, अब इसी कड़ी में डॉक्टर्स ने बड़ा आंदोलन शिवराज सरकार (Shivraj sarkar) के खिलाफ खड़ा कर दिया है.  इस बार डॉक्टर्स (Mp doctors strike) ने आंदोलन का नाम चिकित्सा बचाओ- चिकित्सक बचाओ का नारा दिया है. 

बता दें कि 28 जनवरी को शुरू हुआ ये आंदोलन कल 7 फरवरी को भोपाल पहुंचने वाला है. डॉक्टर्स की ये यात्रा 13 मेडिकल कॉलेज और 38 जिलों से होकर अब भोपाल पहुंचने वाली है. ऐसे में कल स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ने वाली है. क्योंकि हजारों डॉक्टर्स एक साथ कलेक्टर ऑफिस तक ये यात्रा लेकर जाएंगे.

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हड़ताल को लेकर अंतिम फैसला कल 
गौरतलब है कि प्रदेश के 7 मेडिकल एसोसिएशन ने मिलकर ये महासंघ बनाया है. जिसमें 8 से 10 हजार डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर ये चिकित्सा बचाओ- चिकित्सक बचाओ यात्रा निकाली है. जिसकी शुरुआत ग्वालियर से हुई थी. जो कल 7 फरवरी को भोपाल में खत्म हो रही है. ये पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में प्रदेश के डॉक्टर्स एक साथ मिलकर आंदोलन कर रहे हैं. अब भोपाल में यात्रा समाप्ति के बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर जाते हैं या काम करेंगे. इसका पता तो कल ही चलेगा. 

किन स्थानों से गुजरी ये यात्रा
MTA यानी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले शुरू हुई ये यात्रा ग्वालियर, मुरैना, अंबाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, पन्ना, सतना, शहडोल, बड़वानी, उमरिया, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा खंडवा, खरगोन, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन समेत प्रदेश के 38 जिलों से होकर भोपाल पहुंचने वाली है. 

क्या है डॉक्टरों की मांग 
दरअसल केंद्र सरकार की DACP नीति लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली करने और मेडिकल वर्क में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी को लेकर ये आंदोलन शुरू किया है. इस आंदोलन में चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, गैस राहत के विभाग के डॉक्टर्स शामिल हुए है. 7 मेडिकल एसोसिएशन ने मिलकर ये संगठन बनाया है. डॉक्टरों का कहना है कि उचित इलाज से प्रदेश की जनता वंचित है, विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी भी है, पिछले 20 साल से उचित संसाधनों की कमी के चलते हम सड़कों पर उतरे है.

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