दिव्यांग बेटी ने कर दिखाया ऐसा कमाल कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देंगी अवॉर्ड, देखिए जोश भर देने वाली कहानी
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दिव्यांग बेटी ने कर दिखाया ऐसा कमाल कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देंगी अवॉर्ड, देखिए जोश भर देने वाली कहानी

मध्यप्रदेश के भिंड की एक दिव्यांग बेटी ने एक बार फिर ऐसा कमाल कर दिखाया है , जिससे ना सिर्फ जिले का मान बढ़ा है बल्कि देशभर में वो चर्चा में है. अब उन्हें खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंडिविजुअल अचीवमेंट अवार्ड देंगी. 

 

दिव्यांग बेटी ने कर दिखाया ऐसा कमाल कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देंगी अवॉर्ड, देखिए जोश भर देने वाली कहानी

प्रदीप शर्मा/भिंड:  भिंड की बेटी और पैरा कैनो कयाकिंग खिलाड़ी पूजा ओझा ने जिले का नाम एक बार फिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. भारतीय सामाजिक न्याय मंत्रालय की और से पूजा को नेशनल इंडिविजुअल अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा. यह अवार्ड अगले महीने उन्हें खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों दिया जाएगा.  कहते हैं ना कि जब किसी लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत पूरे मन से की जाये तो सफलता भी कदम चूमती है. भिंड की दिव्यांग खिलाड़ी जिन्होंने वाटर स्पोर्ट्स में विश्व पटल पर दो बार भारत को मेडल दिलाकर देश का नाम ऊंचा किया उनकी इसी लगन की सराहना अब भारत सरकार करने जा रही है.

3 दिसंबर को राष्ट्रपति देंगी अवॉर्ड
भारतीय सामाजिक न्याय मंत्रालय की और से सामाजिक न्याय विभाग द्वारा राष्ट्रीय व्यक्तिगत उपलब्धि अवार्ड (national individual achievement award) उन दिव्यांग विशेष विभूति को दिए जा रहे हैं जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, आर्ट एंड कल्चर, पर्यावरण और विशेष रचनात्मक सामाजिक गतिविधियों के क्षेत्रों में उपलब्धियों हासिल की है. इस साल खेल के क्षेत्र में पूजा ओझा को इस अवार्ड के लिए चुना गया है, जो अगले महीने 3 दिसम्बर को आयोजित होने वाले अवार्ड सेरेमनी में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों दिया जाएगा.

देश के नाम एक और अवार्ड
इस उपलब्धि के लिए मिलने जा रहे सम्मान को लेकर पूजा ओझा ने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है. उनका कहना है कि देश की राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलना किसी सपने से कम नहीं है. इसका श्रेय वो अपनी माता मुन्नी देवी और पिता महेश ओझा को देती हैं.उन्होंने मध्यम परिवार के बिगड़े आर्थिक हालातों के बावजूद हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.पूजा ने बताया कि इस मुक़ाम तक पहुंचने में उनकी फेडरेशन IKCA और कोच का सपोर्ट था, जिन्होंने उन पर भरोसा जताया और प्रशिक्षण के ज़रिए अच्छा प्रदर्शन करने की राह दिखाई. वो आगे भी देश के लिए खेल कर भारत का परचम विश्व में लहराना चाहती हैं.

कई नेशनल और इंटरनेशनल मेडल किए हासिल
इस साल इस अवार्ड के लिए देश भर से 1 लाख 92 हजार रजिस्ट्रेशन हुए थे जिनके से खेल क्षेत्र के लिए 2600 खिलाड़ियों में पूजा ओझा को चुना गया, पूजा खेल क्षेत्र में यह अवार्ड पाने वाली पहली दिव्यांग महिला खिलाड़ी हैं. जिन्होंने वर्ष 2017 में वॉटरस्पोर्ट्स के केनो कयाकिंग खेल में शुरुआत की थी पूजा अब तक 5 बार नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हांसिल कर चुकी हैं, वहीं एशियन पेरा चैंपियनशिप में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीत कर भारत का मान बढ़ाया तो हाल ही में पूजा इसी वर्ष कनाडा के हेलीफैक्स में 3 से 7 अगस्त तक आयोजित हुई ICF स्प्रिंट पैरा केनो वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली दिव्यांग खिलाड़ी बन चुकी हैं. वे वर्तमान में केनो फेडरेशन इंडियन कयाकिंग एंड केनो एसोसिएशन (IKCA) की ओर से नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत के लिए हिस्सा लेती है.

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