Karni Sena के संस्थापक Lokendra Singh Kalvi का निधन, फिल्म 'पद्मावत' के खिलाफ बुलंद की थी आवाज
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Karni Sena के संस्थापक Lokendra Singh Kalvi का निधन, फिल्म 'पद्मावत' के खिलाफ बुलंद की थी आवाज

Founder of karni sena Death: करणी सेना (Karni Sena) के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी(Lokendra Singh Kalvi ) का हार्ट अटैक से निधन हो गया. ये लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कालवी ने देश में हुए कई आंदोलनों की नींव रखी थी.

Karni Sena के संस्थापक Lokendra Singh Kalvi का निधन, फिल्म 'पद्मावत' के खिलाफ बुलंद की थी आवाज

Lokendra Singh Kalvi Death: एक वक्त में अपने बयानबाजी और जोशीले भाषण के लिए विख्यात रहे करणी सेना के संस्थापक  Lokendra Singh Kalvi का लंबी बीमारी के बाद निधन (death) हो गया. इन्होंने जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में अंतिम सांस ली. जून 2022  में इन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया था उसके बाद से ही ये अस्पताल में एडमिट थे और बीती रात इन्हें हार्ट अटैक आ गया जिसकी वजह से निधन हो गया.

इनका अंतिम संस्कार नागौर जिले के कालवी गांव में किया जाएगा. कालवी ने अपने जीवन काल में  कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया था. इन्होंने राजनीति में भी दांव अजमाया लेकिन सफल नहीं हो पाए पर क्षेत्र में इनके नाम को सम्मान के साथ लिया जाता था.

पद्मावत के खिलाफ उठाई थी आवाज
लोकेंद्र सिंह कालवी फिल्म पद्मावत को लेकर देश भर में आवाज बुलंद की थी. इनके एक इशारे पर लोग इकट्ठा हो जाते हैं. आज भी जब करणी सेना की बात होती है तो इनके द्वारा किए हुए आंदोलनों को याद किया जाता है. इसके अलावा भी ये समय समय पर जनता के हितों के लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहते थे. जोधा अकबर फिल्म को लेकर भी इन्होंने देश भर में अपनी आवाज बुलंद की थी.

राजनीति में रहे असफल
लोकेंद्र सिंह कालवी को राजनीति विरासत में मिली थी. इनके पिता कल्याण सिंह राज्य और केंद्र सरकार में मंत्री रहे थे. लेकिन राजनीति में इन्हें असफलता हाथ लगी थी. ये 1998 में बीजेपी के टिकट पर वाडमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. इसके अलावा इन्होंने नागौर सीट से भी हाथ अजमाया था लेकिन इस सीट पर भी इन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

इसके बाद साल 2003 में लोकेंद्र सिंह ने राजपूत नेताओं के साथ मिलकर सामाजिक न्याय मंच बनाया. इसके जरिए वो लगातार सवर्णों के आवाज उठाने लगे और उन्होंने सवर्णों के आरक्षण की मांग शुरू की थी. जिसके बाद लगातार करणी सेना के जरिए सामाजिक मुद्दों पर ये आवाज उठाते रहे.

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