Toxic Air Alert: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में (AQI) 364 पर पहुंच गया है. लगातार खराब हो रही एयर क्वालिटी से लोग न केवल फिजिकली प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि इसका मेंटल हेल्थ पर भी गहरा असर हो रहा है. आइए जानते हैं कितना AQI हमारे सेहत के लिए घातक हो सकता है.
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Bopal Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तरह ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की भी हवा खराब हो गई है. भोपाल में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. भोपाल का (AQI) 364 पर पहुंच गया है. शहर की हवा प्रदूषित होने के चलते लोगों को सास लेने में दिक्कत हो रही है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो खराब श्रेणी में AQI का पहुंचना हमारे सेहत को प्रभावित कर रहा है. आइए जानते हैं एयर पॉल्यूशन की वजह से किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
दरअसल, राजधानी भोपाल की हवा लगातार प्रदुषित होती जा रही है. शहर का औसत (AQI) 364 है. जो खराब श्रेणी में आता है. प्रशासन के अनुसार इसका मुख्य कारण कूड़ा-कचरा और पराली जलाना माना जा रहा है. प्रदूषित हवा से शहर के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है और इसके साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो 300 से अधिक AQI हमारे सेहत के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है.
इंसानों की सेहत बिगाड़ रही खराब AQI
खराब श्रेणी में AQI पहुंचने से हवा प्रदूषित हो गई है. जहरीली हवा में मौजूद छोटे कण (PM 2.5) ब्लड में प्रवेश कर सकते हैं. इससे इससे दिल की धड़कन और बीपी का लेवल प्रभावित होता है. जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है.
मानसिक समस्याएं
प्रदूषित हवा का असर हमारे मानसिक सेहत पर भी नकारात्मक पड़ रहा है. जहरीली हवा से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे स्ट्रेस और चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. खराब श्रेणी में पहुंचे AQI से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है. प्रदूषित हवा के चलते शारीरिक विकास और मेंटल कैपेसिटी प्रभावित हो रही है. वहीं, गर्भवती महिलाओं में हाई बीपी और जन्मजात विकारों का खतरा बढ़ सकता है.
खुद को रखें सुरक्षित
प्रदूषित हवा में आपको अपनी सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है. खासकर वे लोग जो पहले से सांस या दिल संबंधित बिमारियों से जूझ रहे हैं. ये लोग अगर बहुत जरुरी ना हो तो घर से बाहर ना निकलें. अगर निकलें तो चश्मा पहनकर निकलें. साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पिएं. इसके अलावा साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें. अधिक से अधिक मौसमी फल-सब्जियों का सेवन करें.
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