MP Vidhansabha Chunav: विंध्य में नाराणय त्रिपाठी के साथ हो गया खेल, नामांकन से पहले मुकर रहे VJP के प्रत्याशी
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MP Vidhansabha Chunav: विंध्य में नाराणय त्रिपाठी के साथ हो गया खेल, नामांकन से पहले मुकर रहे VJP के प्रत्याशी

MP Vidhansabha Chunav 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी से अलग होकर पार्टी बनाने वाले विधायक नारायण त्रिपाठी के साथ खेल हो गया. उनकी विंध्य जनता पार्टी से बनाए गए  एक उम्मीदवार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है.

MP Vidhansabha Chunav: विंध्य में नाराणय त्रिपाठी के साथ हो गया खेल, नामांकन से पहले मुकर रहे VJP के प्रत्याशी

MP Vidhansabha Chunav 2023: भोपाल/सीधा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी के खिलाफ उन्हें के विधायक नारायण त्रिपाठी उतरे हैं. उन्होंने नई पार्टी बनाकर चुनाव में दम भरने की कोशिश शुरू की है. लेकिन, नामांकन की अखिरी तारीख से एक दिन पहले ही उनके साथ खेल हो गया. त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी से बनाए गए एक प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है और उन्होंने आरोप लगाया है की नारायण त्रिपाठी ने उम्मीदवार बनाने से पहले चर्चा ही नहीं की.

नारायण त्रिपाठी को झटका
नारायण त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी को ये बड़ा झटका माना जा रहा है. विंध्य जनता पार्टी से सिहाबल विधानसभा के लिए बनाए गए उम्मीदवार आशीष मिश्रा ने पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. पार्टी की जारी हुई पहली लिस्ट में सिहाबल से आशीष मिश्रा पर पार्टी ने भरोसा जताया था. अब पार्टी के टिकट को आशीष मिश्रा ने ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा की मैं चुनाव नहीं लडूंगा.

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खड़े हो रहे सवाल
सिहाबल से आशीष मिश्रा के उठाए कदम से अब नारायण त्रिपाठी और उनकी पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है की नारायण त्रिपाठी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी से नेताओं को उम्मीदवार बनाने से पहले उनसे चर्चा ही नहीं की. ऐसे में लोग नाराज हो रहे हैं और उनकी टिकट वापस कर रहे हैं. अब देखना होगा की आज शाम कर नारायण त्रिपाठी की पार्टी से कितने उम्मीदवार चुनाव में उतरने के लिए नामांकन खिल करते हैं.

विंध्य के विचार के बड़े नेता
बता दें नारायण त्रिपाठी विंध्य के झंडे को लेकर चलने वाले बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं. इसी विषय को लेकर उनकी पार्टी से अनबन होती रही है और बाद में वो इसी विचार को लेकर चुनावी मैदान में अपनी पार्टी के साथ उतरे हैं. उन्होंने विंध्य में अच्छी खासी सीटें जीतने का दावा किया था. कई लोग क्षेत्र में नारायण त्रिपाठी के प्रभाव के कारण मान भी रहे थे की ज्यादा नहीं तो कम से कम रीवा, सतना, सिंगरौला और सीधी में पार्टी को अच्छे वोट मिल सकते हैं. लेकिन, अब टिकट वापसी के कारण संसय की स्थिति बन गई है.

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