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MP News: विधानसभा चुनाव 2023 में मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई थी. वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश में महज 50 दिन में 62 हजार मतदाता कम हो गए है. ये जानकारी मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी ने दी है. विधानसभा चुनाव के लिए जारी फाइनल वोटर लिस्ट में 4 अक्टूबर 2023 को 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 मतदाता थे. वहीं 6 जनवरी 2024 को घटकर 5 करोड़ 59 लाख 58 हजार 370 मतदाताओं की संख्या रह गई है. इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं, तो निर्वाचन आयोग ने भी इस पर अपना जवाब दिया है.
हालांकि कम हुई मतदाताओं की संख्या को उन मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. जहां मतदाताओं की या तो मौत हो गई है या दूसरे राज्य में स्थानांतरिक हो गए हैं. या फिर दो बार दर्ज किए गए हैं. वहीं इस पर अब राजनीति भी होने लगी है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
मध्य प्रदेश में 50 दिन में कम हुए 62 हजार मतदाताओं को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठा दिए हैं. कांग्रेस चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने कहा कांग्रेस ने पहले भी फर्जी मतदाताओं को लेकर आवाज उठाई थी. अब डर से फर्जी मतदाता नाम कटवा रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि 17 नवंबर को हुए चुनाव जिसमें 2 लाख के करीब मतदाताओं के नाम जोड़े गए और एक लाख के करीब मतदाताओं के काटे गए थे. इसके बावजूद 50 दिन में 62 हजार वोटों के नाम फिर काट दिए गए. जिन लोगों ने फर्जी नाम जुड़वाया था, वह अब कटवा रहे हैं कि कहीं हम फंस ना जाएं. कांग्रेस पहले भी फर्जी मतदाताओं को लेकर सवाल उठाए थे. अब डर से फर्जी वोटर नाम कटवा रहे हैं.
मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी ने कही ये बात
विधानसभा चुनाव के बाद 50 दिनों में काटे गए 62 हजार मतदाताओं के नाम को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि जिनके नाम काटने की आवेदन आए हैं, उनके नाम काटे गए. इस दौरान जो मृत्यु हुई है, उनके भी नाम काटे गए हैं. जिसके चलते संख्या कम हुई है. वोटर लिस्ट अपडेशन का काम एक सतत प्रक्रिया है, जो चलता रहता है.
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जब बीएलओ पर्ची बांटते हैं, उस दौरान भी एक लिस्ट तैयार की जाती है. जिसमें जो लोग वहां नहीं रहते और जिनकी मृत्यु हो जाती है, उनकी भी लिस्ट बनाई जाती है.
विपक्ष के द्वारा वोटर लिस्ट में नाम काटने को लेकर उठे सवाल पर अनुपम राजन ने कहा कि अपडेशन का काम सतत प्रक्रिया है. आवेदन आए थे, उसी के आधार पर नाम काटे गए है. जिन लोगों की मृत्यु हुई थी उसके भी नाम काटे गए है.. इसे समझने की जरूरत है.
रिपोर्ट- अजय दुबे