Javad Assembly Result: जावद की सीट पर दिलचस्प है मुकाबला, मंत्री सखलेचा का समंदर पटेल से मुकाबला
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Javad Assembly Result: जावद की सीट पर दिलचस्प है मुकाबला, मंत्री सखलेचा का समंदर पटेल से मुकाबला

Javad Assembly Result: नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में इस बार मुकाबला तगड़ा दिख रहा है. जानिए इस सीट के बारे में. 

जावद विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प

Javad Assembly Result: मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. प्रदेश में पहली बार रिकॉर्ड तोड़ 77.69 फीसदी लोगों ने मतदान किया. प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य रूप से मुकाबला रहा. हालांकि, कुछ अन्य दलों की भी मौजूदगी देखी गई. चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे. हम बात कर रहे हैं ग्वालियर चंबल अंचल के नीमच जिले में आने वाले जावद विधानसभा सीट के परिणाम के बारे में. 

भाजपा का गढ़ है जावद

जावद को भाजपा का गढ़ कहा जाता है. लेकिन, इस बार इस सीट पर कड़ी टक्कर देखने मिली जिसके बाद जनता ने अपना फैसला कर लिया है. यहां से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सकलेचा के बेटे ओम प्रकाश सकलेचा को उम्मीदवार बनाया था और कांग्रेस से समुंदर पटेल को प्रत्याशी बनाया है.

ओम प्रकाश सखलेचा जावद सीट पर पिछले 4 बार से जीत हासिल कर रहे हैं इसके पहले वीरेंद्र सखलेचा खुद भी यहां से 5 बार विधायक रह चुके हैं. 1985 में यहां से कांग्रेस को जीत मिली थी, फिर लंबे अंतराल के बाद 1998 में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए घनश्याम पाटीदार ने कांग्रेस को यहां से आखिरी जीत दिलाई थी. जावद के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 30 फीसदी धाकड़ तो 17 फीसदी आदिवासी वोटर्स भी हैं. वहीं पाटीदार, बाम्ह्राण और राजपूत मतदाता बराबर संख्या में हैं.

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2003 से अब तक भाजपा शासन 

2003 में पहली बार जावद से ओमप्रकाश सखलेचा विधायक बने थे तब से लेकर 2018 तक लगातार 4 बार से वो यहां से विधायक हैं. इस साल 2023 में एक बार फिर भाजपा सरकार ने सकलेचा पर अपना भरोसा जताया है. यदि इस सकलेचा जीत हासिल करते हैं तो ये उनकी पाचंवी जीत होगी.

2018 में निर्दलीय लड़े थे समदंर पटेल

वहीं कांग्रेस ने इस बार समदंर पटेल पर अपना भरोसा जताया है. समदंर पटेल 2018 में निर्दलीय प्रत्याशी थे और उन्होंने 33712 वोट हासिल कर मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया था. जबकि बीजेपी के ओम प्रकाश सकलेचा को  52316 तो कांग्रेस के रमेशचंद्र आहिर को 48045 वोट मिले थे.

प्रदेश में पिछले 4 पंचवर्षीय से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बनते आ रहे हैं. एक बार फिर चुनाव जीतकर भाजपा पांचवी बार सरकार बनाना चाहती. वहीं कांग्रेस 2018 के इतिहास को दोहराना चाहेगी. दरअसल, 2018 में 75.2 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें से बीजेपी को 41.6 फीसदी वोट शेयर के साथ 109 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट शेयर के साथ 114 सीटें मिलीं. कांग्रेस ने सरकार तो बना ली, लेकिन 15 महीने बाद फिर दल बदल की वजह से सरकार गिर गई. ग्वालियर-चंबल के प्रमुख नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. 23 मार्च 2020 शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अब देखना यह होगा कि इस चुनाव की किस पार्टी के हाथ सत्ता आती है.

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