MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद इस बात की चर्चा भी सबसे ज्यादा हो रही है कि क्या कमलनाथ ही पीसीसी चीफ बने रहेंगे या फिर पार्टी चेहरा बदलेगी.
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MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस मंथन में जुट गई है. कई जिलों में प्रभारियों ने इस्तीफा भी देना शुरू कर दिया है. कमलनाथ ने नतीजों के बाद सबसे पहले 230 प्रत्याशियों से मुलाकात की और उसके बाद वह दिल्ली रवाना हो गए. बताया जा रहा है कि दिल्ली में कमलनाथ ने कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद आगे का प्लान तैयार कर लिया है. जिस पर एमपी आते ही तैयारियां शुरू हो जाएगी.
प्रदेश भर का दौर करेंगे कमलनाथ
बताया जा रहा है कि दिल्ली दौरे से लौटने के बाद कमलनाथ प्रदेशभर का दौरा करेंगे. वह सभी जिलों में कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे, इसके अलावा प्रदेश भर में संगठन की बैठकें भी फिर से होगी. जिसमें लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होगी, बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अब नई रणनीति पर काम करेगी, जबकि कई प्लानों में बदलाव की तैयारियां भी चल रही हैं.
प्रत्याशियों को देनी होगी हार की रिपोर्ट
इसके अलावा कमलनाथ ने सभी प्रत्याशियों से रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें एक रिपोर्ट चुनाव विश्लेषण को लेकर जबकि दूसरी संगठन को लेकर होगी. जिसमें सभी कमियों पर चर्चा होगी. विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को यह रिपोट 10 दिन के भीतर देंगी होंगी. बताया जा रहा है कि प्रदेशभर से आने वाली इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की तैयारियां की जाएगी. इसी के आधार पर नेता प्रतिपक्ष का चयन भी होगा.
कमलनाथ के हाथ ही होगी कमान ?
दरअसल, कांग्रेस की हार के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की चल रही है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस बार क्या बदलाव होने की उम्मीदें हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा भी तेज है कि कमलनाथ ने दिल्ली में इस्तीफे की पेशकश की थी. लेकिन माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव तक पार्टी कमान कमलनाथ के हाथ में ही देना चाहती है. हालांकि कमलनाथ लंबे समय से पीसीसी चीफ के पद पर हैं. चुनाव में वे ही पार्टी का मुख्य चहरा थे. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का यह कहना है कि प्रदेश में जल्द ही नए पीसीसी चीफ की नियुक्ति हो सकती है.
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर भी दिल्ली में चर्चा शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस मध्य प्रदेश में ऐसे नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देना चाहती है जो भाजपा सरकार के खिलाफ शुरू से ही मुखर रहे.