जब जज प्रलोभन में नहीं पड़ेंगे..., अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि को 'अडिग न्यायाधीश' शब्द क्यों आया पसंद, किसके लिए कही ये बात?
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जब जज प्रलोभन में नहीं पड़ेंगे..., अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि को 'अडिग न्यायाधीश' शब्द क्यों आया पसंद, किसके लिए कही ये बात?

Book 'The Unyielding Judge: The Life and Legacy of Justice A N Grover: "मैं शायद कई न्यायाधीशों की पुस्तक विमोचन में शामिल रहा हूं, जिनमें से अधिकांश वर्तमान न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं, लेकिन यह मेरा पहला अवसर है जब मुझे एक ऐसे न्यायाधीश के बारे में बात करने के लिए बुलाया गया है जो भारत के संवैधानिक इतिहास का एक बड़ा हिस्सा है."

जब जज प्रलोभन में नहीं पड़ेंगे..., अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि को 'अडिग न्यायाधीश' शब्द क्यों आया पसंद, किसके लिए कही ये बात?

Attorney General R Venkataramani: अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने शनिवार को कहा कि किसी न्यायाधीश की प्रलोभन में न पड़ने की प्रवृत्ति यह तय करती है कि वह मानवीय मूल्यों के स्तर पर कितनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है. वेंकटरमणी ने यह टिप्पणी गौरी ग्रोवर की पुस्तक 'द अनयलिंग जज: द लाइफ एंड लिगेसी ऑफ जस्टिस ए एन ग्रोवर' के विमोचन के अवसर पर की. उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार है जब उन्हें उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश के बारे में बोलने के लिए बुलाया गया है, जो देश के संवैधानिक इतिहास का हिस्सा रहे हैं.

अडिग न्यायाधीश शब्द क्यों आया पसंद?
न्यायमूर्ति ग्रोवर उस 13 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे जिसने 1973 के केशवानंद भारती मामले की सुनवाई की थी. अटॉर्नी जनरल ने कहा, "अनडिनाइंग जज' (अडिग न्यायाधीश) शब्द ने भी मुझे बहुत आकर्षित किया. इसके कई मायने और मूल्य हैं. हम एक न्यायाधीश के डर की बात करते हैं और फिर प्रलोभन के सामने न झुकने की बात करते हैं. मुझे लगता है जब ऐसा होता है तो आप मानवता के मूल्यों की पदानुक्रम में ऊंचा स्थान प्राप्त करते हैं." उन्होंने कहा, "मैं शायद कई न्यायाधीशों की पुस्तक विमोचन में शामिल रहा हूं, जिनमें से अधिकांश वर्तमान न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं, लेकिन यह मेरा पहला अवसर है जब मुझे एक ऐसे न्यायाधीश के बारे में बात करने के लिए बुलाया गया है जो भारत के संवैधानिक इतिहास का एक बड़ा हिस्सा है."

आर वेंकटरमणि कौन हैं?
13 अप्रैल 1950 को पॉडिचेरी में जन्मे वेंकटरमणि ने जुलाई 1977 में तमिलनाडु बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित हुए थे. आर वेंकटरमणी एक वकील हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में 42 साल का अनुभव है. जुलाई 1977 में बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु में दाखिला लेने के बाद 1979 में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव के साथ काम किया.

इसके बाद, वेंकटरमणी ने 1982 में सर्वोच्च न्यायालय में एक स्वतंत्र अभ्यास की स्थापना की. उन्हें 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. फिर उन्हें 2010 में मेंबर ऑफ लॉ कमीशन और फिर 2013 में एक और कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था.

क्या होता है अटॉर्नी जनरल का पद?
अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के लिए देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होता है जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करता है. अटॉर्नी जनरल सरकार का प्रथम विधि अधिकारी होता है. इनपुट भाषा से भी

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