Jitan Ram Manjhi on Anand Mohan: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और कहा है कि साहब आपके खेल निराले हैं.
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Jitan Ram Manjhi attack on Nitish Kumar: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. जीतन राम मांझी ने कहा है कि साहब आपके खेल निराले हैं. दरअसल, जीतन राम मांझी ने पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या करने वाले आनंद मोहन को 27 अप्रैल 2023 को जेल से रिहा कर दिया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए जेल नियमों में बदलाव किया. इस पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
बड़ा बदमाश आदमी है, अब ई अच्छे कैसे लगने लगे: जीतन राम मांझी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, 'साहब आपके खेल निराले, पहले किसी को जेल भेजिए, फिर कानून संशोधन करा बाहर निकलवाइए और 'आनंद'मय महौल में प्रतिमा का अनावरण कर खीर'मोहन' खाइए. यही काम जब हम CM रहते कर रहें थें तो कह दिएं कि कानून में संशोधन मत कीजिए बड़ा बदमाश आदमी है, अब ई अच्छे कैसे लगने लगें जी?'
साहब आपके खेल निराले,
पहले किसी को जेल भेजिए,फिर कानून संशोधन करा बाहर निकलवाईए,और “आनंद”मय महौल में प्रतिमा का अनावरण कर खीर”मोहन” खाईए।
यही काम जब हम CM रहते कर रहें थें तो कह दिएं कि कानून में संशोधन मत किजिए बडा बदमाश आदमी है,अब ई अच्छे कैसे लगने लगें जी?— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 1, 2023
2022 में जीतन राम मांझी ने उठाया था आनंद मोहन की रिहाई का मुद्दा
जीतन राम मांझी ने साल 2022 में आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी और नीतीश कुमार के सामने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि आनंद मोहन के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. जीतन राम मांझी ने उस समय कहा था कि जेल में आनंद मोहन में सुधार हुआ है और उन्हें रिहा किया जाना चाहिए.
नीतीश कुमार ने जेल मैनुअल में किए थे बदलाव
साल 1994 में गोपालगंज के डीएम जी.कृष्णैया की हत्या हुई थी. इस हत्या में आनंद मोहन का नाम आया था. कोर्ट ने उन्हें पहले मौत की सजा सुनाई, लेकिन बाद में यह सजा आजीवन कारावास में बदल गई. आनंद मोहन को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. 15 साल जेल में रहने के बाद नीतीश सरकार ने उन्हें रिहा करने का फैसला किया. इसके लिए जेल मैनुअल में बदलाव किया गया. आनंद मोहन की रिहाई पर राजनीति भी हुई.