गुजरात के डिप्टी CM बोले- आजादी मांगने वालों के लिए देश की सीमाएं खोल दी जाएं
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गुजरात के डिप्टी CM बोले- आजादी मांगने वालों के लिए देश की सीमाएं खोल दी जाएं

पटेल ने कहा- जिसे जहां जाना है वहां जाए. हम किसी को पकड़ कर तो नहीं रख सकते.

नितिन पटेल ने कहा कि 70 साल पुरानी गलती को मोदी साहब ने सुधारा है.

अहमदाबाद: गुजरात में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती और आजाद हिंद सरकार की 76वीं वर्षगांठ पर सीमा तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया. इसमें राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी की.

सीएए के विरोध में चंदोला में निर्दोष पुलिसकर्मियों पर हुई पत्थरबाजी को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि वहां ट्रकों में पत्थर भरे के लाए गए थे. अहमदाबाद रोड पर पत्थर फेंके गए, लेकिन वे भूल गए कि यह कश्मीर नहीं, गुजरात है. यह भूलकर कि उन्हें जो करना था वह पहले ही यहां हो चुका है.

मानसिक रूप से पिछड़े
सीएए का विरोध करने वालों को लेकर नितिन पटेल ने कहा, 'कई उनको सुधरे हुए मानते हैं, लेकिन मैं तो उन्हें मानसिक रूप से पिछड़ा मानता हूं. आज़ादी मांग रहे हैं. क्या अपने मां-बाप से आज़ादी चाहिए?

जिसे जहां जाना है वहां जाए
पटेल बोले, ''ये लोग भारत से आज़ादी मांग रहे हैं तो अपन मोदी जी से विनती करते हैं कि सीमाएं थोड़े दिन के लिए खोल दो, जिसे जहां जाना है वहां जाए. किसी को पकड़ कर तो नहीं रख सकते. ये अपने गले पड़े हैं. अरे भाई जाओ, तुम भी फ्री हम भी फ्री.''

देश विरोधी तत्व घूम रहे हैं
सीमा लोक कल्याण समिति द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे गुजरात की पाकिस्तान के साथ सीमाएं जुड़ी हैं. कच्छ और बनासकांठा पाकिस्तान की जमीन से जुड़े हैं. द्वारका तटीय सीमा से पाकिस्तान से जुड़ा है. हमें इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए सहयोग की आवश्यकता है. अगर देश विरोधी तत्व घूम रहे हैं, तो उन्हें सतर्क रहना चाहिए और पुलिस को रिपोर्ट करना चाहिए.

देश में स्लीपर सेल
नितिन पटेल ने लोगों को सचेत करते हुए कहा, मुंबई ब्लास्ट में आतंकियों ने गुजरात की सीमा से देश में प्रवेश किया था. देश में स्लीपर सेल आसानी से पाकिस्तान में उपलब्ध है दोनों देशों के बीच शत्रुतापूर्ण संबंध हैं.

खुलेआम क़त्ल होते थे
उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35A कश्मीर में थी, तब तक खुलेआम क़त्ल होते थे, और पुलिस और सेना पर हमला किया जाता था. इस धारा को हटाने से पहले पत्थरबाज सेना के काम में बाधा डाल रहे थे.

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