हरियाणा में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक हुई. इस दौरान मक्का उगाने वाले किसानों को 2400 रुपये प्रति एकड़ और दलहन फसलों को उगाने के लिए 3600 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी गई. वहीं मुख्य सचिव ने बताया कि 20 हजार एकड़ भूमि को जलभराव समस्या से निजात दिलाने का लक्ष्य रखा है.
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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक हुई. इस दौरान बैठक में 159 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अनुमति दी गई. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसानों का जोखिम कम करने और कृषि व्यापार, उद्यमिता को बढ़ावा देने के माध्यम से खेती को एक लाभकारी आर्थिक गतिविधि बनाने के लिए कारगर योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. इन योजनाओं के लिए प्रदेश की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक में अनुमति प्रदान की गई है. इन योजनाओं के क्रियान्वयन से कृषि की उच्च तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी.
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दलहन फसलों के लिए 3600 रुपये प्रति एकड़
मुख्य सचिव ने प्रदेश में मक्का उगाने वाले किसानों को 2400 रुपये प्रति एकड़ और दलहन फसलों के लिए 3600 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी गई. इससे प्रदेश में तिलहनी और दलहनी फसलों को बढ़वा मिलेगा. इसके अलावा फसल विविधिकरण के लिए 38.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है ताकि किसान परंपरागत खेती के अलावा फसल विविधीकरण अपना कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें. उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण के लिए प्रदेश के 10 जिलों में ढैंचा, मक्का और दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार एकड़ भूमि में फसल विविधीकरण की योजनाएं क्रियान्वित की जाएगी. उन्होंने कहा कि फसल चक्र बदलने से भूजल के गंभीर दोहन को रोकने में भी मदद मिलेगी और मिट्टी स्वास्थ्य में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के कार्यों में भी बढ़ोतरी की जाए ताकि भूमिगत जलस्तर में सुधार हो सके.
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए पोर्टल बनाया गया है. इसमें किसान स्वेच्छा से पोर्टल पर अपलोड कर अपनी कृषि भूमि से जल निकासी करवा सकते हैं. इस साल झज्जर, रोहतक, सोनीपत के किसानों की 20 हजार एकड़ भूमि को जलभराव समस्या से निजात दिलाने का लक्ष्य रखा गया है.
उन्होंने बताया कि सॉयल हैल्थ कार्ड योजना के तहत मिट्टी की जांच की जा रही है. इसके द्वारा किसानों को भूमि की गुणवत्ता अनुसार खाद, बीज आदि का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए 100 मिट्टी जांच लेबोरेट्री संचालित की जा रही हैं. इनके माध्यम से अब तक 25 लाख सैंपल लिए गए हैं. इसके लिए किसानों, किसान सहायकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदर्शन प्लांट भी लगाए जा रहे हैं.
इस दौरान बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) आपदा प्रबंधन पी. के. दास, एसीएस वित टीवीएसएन प्रसाद, एसीएस कृषि एवं किसान कल्याण सुमिता मिश्रा सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. वहीं एसीएस सिंचाई देवेन्द्र सिहं, आयुक्त एवं सचिव पशुपालन विभाग पंकज अग्रवाल, एमडी डेरी विकास विभाग ए श्री निवास सहित कई कृषि विशेषज्ञ ऑनलाईन जुडे़.
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