Who is Harshita Kejriwal: केजरीवाल परिवार की नई पीढ़ी! क्या हर्षिता बनेंगी AAP की नई राजनीतिक ताकत?
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Who is Harshita Kejriwal: केजरीवाल परिवार की नई पीढ़ी! क्या हर्षिता बनेंगी AAP की नई राजनीतिक ताकत?

Arvind Kejriwal Daughter Harshita: हर्षिता केजरीवाल ने 10वीं में 98% और 12वीं में 96% अंक हासिल किए. इसके बाद, उन्होंने IIT-JEE एडवांस्ड परीक्षा पास की और 3322 रैंक पाई. इस समय, वह बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) में एसोसिएट कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही हैं.

 

Who is Harshita Kejriwal: केजरीवाल परिवार की नई पीढ़ी! क्या हर्षिता बनेंगी AAP की नई राजनीतिक ताकत?

Who is Harshita Kejriwal: दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या उनका परिवार भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएगा. खासतौर पर उनकी बेटी हर्षिता केजरीवाल, जो शिक्षा और कॉर्पोरेट करियर में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) को इस समय सबसे कठिन दौर का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में केजरीवाल परिवार से कोई नया चेहरा राजनीति में उतरेगा या नहीं, यह एक बड़ा सवाल बन गया है.

शिक्षा और करियर में शानदार प्रदर्शन
हर्षिता केजरीवाल ने अपनी शिक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है. उन्होंने 10वीं में 98% और 12वीं में 96% अंक प्राप्त किए, इसके बाद IIT-JEE एडवांस्ड परीक्षा पास की और 3322 रैंक हासिल की. उन्होंने IIT दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया और अपने बैच की सबसे बेहतरीन परफॉर्मर्स में से एक रहीं. इसके बाद उन्हें कई बड़ी कंपनियों से ऑफर मिले और उन्होंने गुरुग्राम की एक ग्लोबल कंपनी में काम किया. वर्तमान में हर्षिता बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) में एसोसिएट कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही हैं. साथ ही, वह 'Basil Health' नामक कंपनी की सह-संस्थापक भी हैं. यह कंपनी स्वास्थ्यवर्धक, अनुकूलन योग्य और स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य उत्पादों पर काम कर रही है.

राजनीति में प्रवेश के संकेत?
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार अपने व्यस्त करियर के बावजूद हर्षिता ने 2025 के दिल्ली चुनाव में अपनी मां सुनीता केजरीवाल के साथ मिलकर AAP के लिए प्रचार किया. इस दौरान वे कई रैलियों में दिखाई दीं, जिससे यह चर्चा तेज हो गई कि क्या वे राजनीति में एंट्री लेंगी? दिल्ली की सत्ता में बदलाव के बाद अब आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने जनाधार को बनाए रखने की है. आम आदमी पार्टी को इस समय एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है. अरविंद केजरीवाल कानूनी मामलों में उलझे हुए हैं और पार्टी को नए युवा चेहरों की तलाश है. हर्षिता की शिक्षित, आत्मनिर्भर और प्रोफेशनल छवि उन्हें पार्टी के लिए एक संभावित नया चेहरा बना सकती है.

क्या हर्षिता के राजनीति में आने से AAP को फायदा होगा?
अगर हर्षिता राजनीति में कदम रखती हैं, तो इससे AAP को एक नई पीढ़ी का नेतृत्व मिल सकता है. युवा वर्ग में उनकी मजबूत अपील होगी, खासतौर पर उन छात्रों और प्रोफेशनल्स के बीच, जो शिक्षा और करियर को प्राथमिकता देते हैं. इसके अलावा वे केजरीवाल परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का काम भी कर सकती हैं. हालांकि, सवाल यह भी है कि क्या हर्षिता राजनीति में आने के लिए तैयार हैं? या फिर वे कॉर्पोरेट सेक्टर में ही अपना करियर बनाना चाहेंगी? आने वाले समय में यह साफ होगा कि AAP क्या कोई नई रणनीति बनाती है या फिर हर्षिता केवल अपने पिता के समर्थन तक ही सीमित रहेंगी. दिल्ली की राजनीति में इस नए संभावित चेहरे पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

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