Delhi CM Candidate BJP: मोहन सिंह बिष्ट की जीत ने यह दिखा दिया कि दिल्ली की राजनीति में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां सिर्फ चेहरे नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस और स्थानीय पकड़ जीत की गारंटी होती है. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि बिष्ट को बड़ी भूमिका 'मुख्यमंत्री पद' की मिल सकती है.
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Delhi CM Candidate Mohan Singh Bisht: दिल्ली की राजनीति में जहां कई सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला, वहीं एक सीट ऐसी भी थी, जहां मुकाबला एकतरफा रहा. यह सीट थी मुस्तफाबाद, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता मोहन सिंह बिष्ट ने एक बार फिर अपनी पकड़ साबित कर दी. बिष्ट न सिर्फ छठी बार लगातार विधायक बने, बल्कि इस बार उन्होंने अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भी बना दिया. उनकी जीत का अंतर इतना बड़ा था कि आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और AIMIM की चुनौती बौनी साबित हो गई.
मोहन सिंह बिष्ट का अपराजेय रिकॉर्ड
मोहन सिंह बिष्ट उत्तराखंड मूल के उन गिने-चुने नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने दिल्ली की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है 1993 से लेकर अब तक वे लगातार चुनावी मैदान में उतरते रहे हैं और हर बार भारी अंतर से जीत दर्ज की है. करावल नगर क्षेत्र में उनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि पिछले दो दशक में विपक्षी पार्टियां उनके खिलाफ मजबूत दावेदारी पेश करने में नाकाम रही हैं. इस बार के चुनाव में तो मोहन सिंह बिष्ट ने इतिहास ही रच दिया. 2020 में जब आम आदमी पार्टी की लहर चली थी, तब भी वे अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे, लेकिन 2025 में मुस्तफाबाद सीट पर उन्होंने जीत का नया कीर्तिमान स्थापित किया. बीजेपी के लिए यह जीत सिर्फ एक विधानसभा सीट का मामला नहीं है, बल्कि इसका बड़ा सियासी संदेश भी गया है.
AAP, कांग्रेस और AIMIM क्यों हुईं फेल?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को मुस्तफाबाद में बड़ा झटका लगा. पार्टी ने यहां पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन जनता ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को नकार दिया. 2020 में AAP ने दिल्ली में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, लेकिन 2025 में पार्टी मुस्तफाबाद जैसी सीट पर भी कोई असर नहीं डाल पाई. कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश की, लेकिन पार्टी तीसरे स्थान पर सिमट गई. AIMIM, जो कि दिल्ली में नया विकल्प बनने की कोशिश कर रही थी, वो भी बिष्ट के किले में सेंध लगाने में नाकाम रही.
बीजेपी के लिए क्या मायने रखती है ये जीत?
मोहन सिंह बिष्ट की यह ऐतिहासिक जीत बीजेपी के लिए सिर्फ एक विधानसभा सीट तक सीमित नहीं है. इस जीत ने साफ कर दिया कि क्षेत्र की जनता अब भी बीजेपी के साथ मजबूती से खड़ी है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बीजेपी की पकड़ मजबूत बनी हुई है और बिष्ट की जीत ने यह भी साफ कर दिया कि दिल्ली में AAP की पकड़ कमजोर हो रही है. अब सवाल यह है कि क्या मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली बीजेपी में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी? या फिर वे सिर्फ विधायक तक सीमित रहेंगे? बिष्ट की इस जीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी दिल्ली के नेतृत्व में बदलाव कर सकती है और बिष्ट को बड़ी भूमिका 'मुख्यमंत्री पद' की मिल सकती है.
क्या 2029 में संसद का सफर तय करेंगे बिष्ट?
मोहन सिंह बिष्ट की लगातार जीत और क्षेत्र में जबरदस्त पकड़ को देखते हुए अब यह भी चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी उन्हें 2029 के लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकती है. मुस्तफाबाद के अलावा करावल नगर के मतदाताओं ने हर बार उन्हें जिताया है और अगर उनकी लोकप्रियता इसी तरह बनी रही तो अगले लोकसभा चुनाव में वे संसद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं.
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