Delhi CM Shapath Grahan Samaroh: दिल्ली का नया सीएम कब लेगा शपथ? शेड्यूल की तस्वीर लगभग हो गई साफ
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Delhi CM Shapath Grahan Samaroh: दिल्ली का नया सीएम कब लेगा शपथ? शेड्यूल की तस्वीर लगभग हो गई साफ

Delhi CM Oath Taking Ceremony : दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम तय होने में अभी थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन यह तय है कि शपथग्रहण समारोह पीएम मोदी की वापसी के बाद ही होगा. भाजपा इसे सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम के बजाय एक बड़े राजनीतिक इवेंट में बदलने की तैयारी कर रही है. अब सबकी निगाहें 14 फरवरी पर टिकी हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के लौटते ही दिल्ली को उसका नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है.

Delhi CM Shapath Grahan Samaroh: दिल्ली का नया सीएम कब लेगा शपथ? शेड्यूल की तस्वीर लगभग हो गई साफ

Delhi CM Shapath Grahan Samaroh: दिल्ली में भाजपा की जीत के बाद राजधानी को नया मुख्यमंत्री मिलने का इंतजार अब भी जारी है. चुनावी नतीजे घोषित हुए कई दिन हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी. पीएम मोदी 14 फरवरी को फ्रांस और अमेरिका की यात्रा से लौटेंगे और इसके तुरंत बाद दिल्ली में सरकार गठन की प्रक्रिया तेज होगी. शपथग्रहण समारोह बेहद भव्य होने की संभावना है, जिसमें एनडीए के तमाम बड़े नेता और मुख्यमंत्री शामिल होंगे.

शपथग्रहण से पहले भाजपा की रणनीति क्या?
सूत्रों के अनुसार दिल्ली में भाजपा ने 2025 के चुनाव में अप्रत्याशित जीत दर्ज की है. यह जीत न सिर्फ आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए करारा झटका साबित हुई, बल्कि दिल्ली में भाजपा को स्थायी रूप से मजबूत करने का एक बड़ा मौका भी दिया. अब भाजपा नेतृत्व इस मौके को भुनाने के लिए पूरी तरह से रणनीतिक तरीके से आगे बढ़ रहा है. भाजपा जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती, क्योंकि पार्टी दिल्ली में एक स्थायी सरकार देना चाहती है. पीएम मोदी के लौटने तक पार्टी अपने सभी संभावित नामों पर गहन मंथन कर रही है, ताकि सही चेहरे का चयन हो सके. शपथग्रहण समारोह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं होगा, बल्कि इसे एक बड़े राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में बदला जाएगा.

कौन होगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि दिल्ली की कमान किसके हाथ में जाएगी? पार्टी में कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन भाजपा आलाकमान अब भी किसी एक नाम पर खुलकर कुछ नहीं कह रहा है. फिलहाल, ये प्रमुख नाम चर्चा में हैं

1. जाट नेता प्रवेश वर्मा – क्या बनेंगे दिल्ली के नए ‘वर्मा जी’?
भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराकर अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है. वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र हैं और जाट समुदाय में गहरी पकड़ रखते हैं. अगर भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है, तो न केवल दिल्ली, बल्कि हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उसे फायदा मिल सकता है.

2. पंजाबी लॉबी के वीरेंद्र सचदेवा – क्या राजधानी को मिलेगा पंजाबी सीएम?
दिल्ली में पंजाबी समुदाय का एक बड़ा वोट बैंक है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा इस लॉबी का प्रतिनिधित्व करते हैं. पार्टी अगर सचदेवा को सीएम बनाती है, तो पंजाबी वोटर्स के बीच एक मजबूत संदेश जाएगा.

3. पूर्वांचली नेता मनोज तिवारी – क्या भाजपा पूर्वांचली कार्ड खेलेगी?
दिल्ली में पूर्वांचली मतदाता बड़ी संख्या में हैं और भाजपा सांसद मनोज तिवारी इस समुदाय का बड़ा चेहरा हैं. अगर भाजपा तिवारी को मुख्यमंत्री बनाती है, तो यह बिहार और उत्तर प्रदेश से आए लोगों को एक बड़ा राजनीतिक संदेश होगा.

4. पड़ानी नेता मोहन सिंह बिष्ट- क्या भाजपा को पसंद आएगा पहाड़ी गढ़
मोहन सिंह बिष्ट की जीत ने यह दिखा दिया कि दिल्ली की राजनीति में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां सिर्फ चेहरे नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस और स्थानीय पकड़ जीत की गारंटी होती है. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि बिष्ट को बड़ी भूमिका 'मुख्यमंत्री पद' की मिल सकती है.

महिला मुख्यमंत्री की संभावना?
सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस बार दिल्ली में किसी महिला को मुख्यमंत्री बना सकती है. ऐसा होने पर यह पहली बार होगा जब दिल्ली की कमान किसी महिला के हाथ में होगी. इस रेस में  बांसुरी स्वराज, मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी जैसे नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं. अगर भाजपा यह फैसला लेती है, तो यह दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव साबित होगा.

1. बांसुरी स्वराज – क्या सुषमा स्वराज की विरासत आगे बढ़ेगी?
स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भाजपा में उभरती हुई नेता हैं. अगर भाजपा उन्हें सीएम बनाती है, तो यह न केवल एक नई शुरुआत होगी, बल्कि महिला नेतृत्व को भी मजबूती मिलेगी.

2. मीनाक्षी लेखी – दिल्ली की अनुभवी नेता
मीनाक्षी लेखी भाजपा की कद्दावर नेता हैं और दिल्ली की राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ है. उनके नाम पर भी भाजपा विचार कर सकती है.

3. स्मृति ईरानी – क्या केंद्रीय राजनीति से दिल्ली की कमान?
स्मृति ईरानी का नाम भी संभावित उम्मीदवारों में गिना जा सकता है. हालांकि वह केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन अगर भाजपा दिल्ली में बड़ा बदलाव चाहती है, तो उन्हें सीएम पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

AAP के लिए मुश्किलें बढ़ीं, केजरीवाल की पार्टी के सामने बड़ा संकट
आम आदमी पार्टी (AAP) को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी और सरकार पर लगे आरोपों ने AAP की स्थिति बेहद कमजोर कर दी है. अब सवाल यह है कि केजरीवाल की गैरमौजूदगी में पार्टी का भविष्य क्या होगा. AAP को नए नेतृत्व की तलाश करनी होगी, क्योंकि केजरीवाल की कानूनी समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली में पार्टी का कैडर अब असमंजस में है, क्योंकि भाजपा ने विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. भाजपा दिल्ली में AAP का बचा-खुचा जनाधार भी खत्म करने की कोशिश करेगी.

2029 तक दिल्ली पर मजबूत पकड़ बनाने की तैयारी
भाजपा इस चुनावी जीत को सिर्फ एक विधानसभा चुनाव की जीत नहीं मान रही है, बल्कि इसे 2029 के लोकसभा चुनाव तक दिल्ली पर मजबूत पकड़ बनाने के पहले कदम के रूप में देख रही है. भाजपा सरकार बनने के तुरंत बाद बड़े विकास कार्यों की घोषणा कर सकती है. साथ ही AAP सरकार की भ्रष्टाचार से जुड़ी नीतियों की जांच आगे बढ़ सकती है. भाजपा 2029 में दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें जीतने की योजना पर काम कर रही है.

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