Ghaziabad Conversion case: गाजियाबाद में नाबालिग का ऑनलाइन धर्मांतरण के केस में सेंट्रल एजेंसियां भी जांच में जुट गई हैं, क्योंकि ऐसे 4 मामल सामने आए हैं. उन्हें लग रहा है कि ऐसे हजारों बच्चे होंगे, जिनका धर्मांतरण किया गया है.
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Ghaziabad Conversion Case: 30 मई को गाजियाबाद के थाना कविनगर क्षेत्र में एक नाबालिग बच्चे के पिता ने तहरीर दी थी कि उनके बेटे को एक गेमिंग ऐप के जरिए बहला-फुसलाकर धर्मांतरण किया गया है. इस मामले में पुलिस ने करवाई करते हुए आरोपी मौलवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उस वक्त पुलिस को भी अंदाजा नहीं था कि पकड़े गए मौलवी से जो बातें निकल कर सामने आएंगी, वह पुलिस और देश की जांच एजेंसियों को एक ऐसी दिशा में दौड़ने को मजबूर कर देगी, जो देश के लिए सबसे बड़ा सवाल बन जाएगा.
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पुलिस टीम गई महाराष्ट्र
पुलिस ने इस मामले में मौलवी के अलावा शाहनवाज मकसूद खान और बद्दो की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र में टीम भेज दी है, लेकिन पुलिस को क्या पता था को मजह 24 साल का बद्दो ही इस मामले में मास्टरमाइंड है और इतना शातिर है कि देश की बड़ी बड़ी जांच एजेंसियों को वो चकमा देकर फरार हो जाएगा. इस मामले में अभी 4 नाबालिग बच्चे सामने आए हैं, जिनका गेम के जरिए धर्मांतरण करवाया गया है, लेकिन अब कई और राज्य से भी पुलिस को इनपुट मिले हैं कि धर्मांतरण होने वालों की संख्या हजारों में पहुंच सकती है.
ऑनलाइन गेम के जरिये फंसाते थे बच्चों को
ये लोग ऑनलाइन गेम के जरिये बच्चों को अपने जाल में फंसाकर उनसे नमाज पढ़वाते थे. इनके तार डॉक्टर जाकिर नायक से भी जुड़े हैं. नाबालिग लड़के मोबाइल-कम्प्यूटर पर फोर्टनाइट ऐप पर गेम्स खेलते थे. अगर लड़के गेम हार जाते थे तो फेक आईडी से उनके चैट में जुड़े दूसरे लड़के उन्हें कुरान की आयत पढ़ने को कहते थे और फिर उन्हें गेम जिताकर कुरान पर भरोसा दिलाया जाता था.
सेकेंड स्टेप में डिस्कॉर्ड ऐप के द्वारा मुस्लिम लड़के हिंदू नाम की यूजर आईडी बनाकर हिंदू लड़कों से चैटिंग करते थे. उन्हें इस्लामिक रीति-रिवाज अपनाने के लिए बहलाते थे. तीसरे स्टेज में वे प्रतिबंधित इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाईक के कुछ वीडियो स्पीच सुनाकर इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करते थे. साथ ही वे इस्लामिक कल्चर और रीति-रिवाज के संबंध में सारी जानकारी उपलब्ध कराते थे.
धर्मांतरण का शिकार हुआ पीड़ित नाबालिग लड़का 'यूथ क्लब' नामक यूट्यूब चैनल से जुड़ा हुआ था, जो पाकिस्तान आधारित है. इस चैनल के 1.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं और ज्यादातर इस्लामिक प्रवक्ताओं के वीडियो अपलोड हैं. पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि गेमिंग एप, चैट और यूट्यूब चैनलों से ईसाई धर्म के कुछ लड़के भी जुड़े हुए हैं, जो पहले ही इस्लाम कुबूल कर चुके हैं. माना जा रहा है कि ये रैकेट काफी बड़ा है, जिसके तार कई शहरों से जुड़े हैं.
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि अभी तक धर्मांतरण के शिकार चार पीड़ित सामने आए हैं. चारों नााबलिग हैं. इसमें एक जैन और तीन हिन्दू हैं. ये गाजियाबाद, फरीदाबाद और चंडीगढ़ के रहने वाले हैं. चारों से गाजियाबाद पुलिस ने बातचीत की है. इसके अलावा स्टेट और सेंट्रल एजेंसियों ने भी इन पीड़ितों से पूछताछ की है. जांच एजेंसियों का जो हमसे कॉर्डिनेशन है, उसमें हम पूरी मदद कर रहे हैं.
गेमिंग ऐप के जरिये जुड़े आरोपी से
डीसीपी ने बताया कि चारों पीड़ितों की मॉडस ऑपरेंडी एक जैसी है. ये चारों पहले गेमिंग ऐप पर जुड़े, फिर गेम जीतने के लिए कुरान की आयतें पढ़वाई गईं. इसके बाद फिर चैट करके इनका ब्रेनवॉश किया गया. आखिर में इन्हें प्रतिबंधित इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाईक और तारिक जमील के वीडियो भी दिखाए गए. हम इस मामले में गाजियाबाद से मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर चुके हैं. मुख्य आरोपी महाराष्ट्र के ठाणे निवासी बद्दो को पकड़ने के लिए गाजियाबाद पुलिस की टीम वहां पहुंची हुई है, लेकिन वो हाथ नहीं आ रहा है.
मौलवी गिरफ्तार
गाजियाबाद के कविनगर थाने में 30 मई 2023 को एक उद्यमी ने एफआईआर कराई थी. इसके मुताबिक, उनका 17 वर्षीय बेटा दिन में पांच बार जिम जाने की बात कहकर घर से निकलता था. उन्हें शक हुआ तो बेटे का पीछा किया तो पता चला कि वो संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद में पांच बार नमाज पढ़ने के लिए जाता है. पूछताछ में बेटे ने धर्मांतरण की बात कुबूली. पुलिस ने इस मामले में तीन दिन पहले मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया. मोबाइल की जांच में पता चला कि धर्मांतरण वाला गैंग एक गेमिंग ऐप से जुड़ा है, जहां पर हिन्दू नाबालिग लड़कों को ब्रेनवॉश किया जाता है.
गेम का बहुत अच्छा प्लेयर है आरोपी
धर्मांतरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा शहनवाज खान मकसूद ऊर्फ बद्दो बहुत बड़ा टेकसेवी भी बताया जा रहा है. उसके बारे में पुलिस को पता चला है कि वह 12वीं पास होने के बावजूद भी गेम का बहुत अच्छा प्लेयर है और काफी दिनों से वह इन बच्चों के टच में था. उत्तर प्रदेश पुलिस की कई टीमें और जांच एजेंसियों की टीमें शाहनवाज और बद्दो की तलाश कर रही है, लेकिन उसे पकड़ पाने में अभी फिलहाल सफलता हाथ नहीं लगी है.
लोकेशन नहीं हो रही ट्रेश
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शहनवाज उर्फ बद्दो बीते 5 दिनों में कई बार अपने सिम कार्ड बदल चुका है. वह अपने आसपास के लोगों से संपर्क भी कर रहा है और अपने निजी काम भी कर रहा है, लेकिन इसके लिए वह कई अत्याधुनिक ऐप का इस्तेमाल कर रहा है, जिसको ट्रेस कर पाना फिलहाल काफी मुश्किल हो रहा है.
वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा है और इंटरनेट कॉलिंग के जरिए लोगों से बातचीत कर रहा है. बद्दो काफी चालाक और शातिर भी है किसी से भी इंटरनेट कॉलिंग के जरिए भी बात करने के बाद तुरंत अपना मोबाइल फोन बंद कर लेता है और अपनी लोकेशन बदल देता है. इसीलिए उसकी लोकेशन का पता लगा पाना काफी मुश्किल हो रहा है.