Anganwadi Workers Protest: आंगनबाड़ी वर्कर्स का फिर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, झज्जर जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2009047

Anganwadi Workers Protest: आंगनबाड़ी वर्कर्स का फिर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, झज्जर जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर से आंगबाड़ी वर्कर्स सरकार के खिलाफ लामबंद्ध हो गई है.

Anganwadi Workers Protest: आंगनबाड़ी वर्कर्स का फिर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, झज्जर जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

Jhajjar Anganwadi Workers Protest: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर से आंगनबाड़ी वर्कर्स सरकार के खिलाफ लामबंद्ध हो गई है. बुधवार को आंगबाड़ी वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना दिया और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी के बीच सरकार के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा.

प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी वर्कर्स का नेतृत्व जिला प्रधान बालेश जाखड़ ने किया. उन्होंने बताया कि हरियाणा में 52000 आंगनबाड़ी गनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर की मांगे पिछले कई सालों से लंबित है. उन्हें अपनी मांगों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है. 2018 में दिवाली का तोहफा का कहकर पीएम मोदी ने 1500 और 750 रुपये बढ़ाने का ऐलान किया था, लेकिन यह तोहफा 5 दिवाली जाने के बाद भी आज तक नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ें: Burari के मुखमेलपुर गांव में अब भी मौजूद तेंदुआ, स्थानीय लोगों ने की जांच की मांग

अब सरकार बढ़ोतरी के नाम पर वर्कर्स को 1339 व हैल्पर के 719 रुपये देकर वाहवाही लूटना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम इस बढ़ोतरी से नाखुश हैं. हमें बढोतरी एरियर समेत मिले और सितंबर 2022 से लगने वाली महंगाई भत्ते की किस्त को शीघ्र लागू किया जाए. बालेश जाखड़ ने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने हमारे प्रतिनिधियों से शीघ्र सभी समाधान करने का वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं किया गया. सरकार वर्कर्स को कोई साधन उपलब्ध नहीं करवा रही. बल्कि आधिकारी उन पर दवाब बनाकर उनको ऑनलाइन काम के लिए मजबूर कर रहे हैं और कई महीनों आंगनबाड़ी केंद्र का किराया विभाग उपलब्ध नहीं करवा रहा है. इससे भी वर्कर मानसिक परेशानी का सामना कर रही हैं. 

जिला प्रधान बालेश जाखड़ ने कहा कि आंगनबाड़ी में बहुत ऐसी वर्कर्स हैल्पर है जिनका काम सिर्फ आंगनबाड़ी के मानदेय से ही चलता है. आंगनबाड़ियों में जो लाभार्थियों को राशन उपलब्ध होता है उसका 15 महीने से कोई भी मेहनताना, सिलेंडर का खर्च, कच्ची सब्जियों का खर्च नहीं आया. जिससे वर्कर आर्थिक तंगी का सामना करते हुए मजबूरन कच्चा राशन बांटने का कदम उठाना पड़ा है. रजिस्टर व अन्य प्रतिदिन के सामान का खर्चा भी वर्कर स्वयं से उठाई रही है. विभाग हमारी समस्याओं को समझे और हमें आंदोलन करने को मजबूर ना करें. 

Input: सुमित कुमार

Trending news