Supreme Court on LG Vs Delhi Govt: सीएम केजरीवाल ने कहा, सर्विसेज सेक्रेटरी बेहद अहम होते हैं, सभी प्रशासनिक फेरबदल उन्हीं के जरिए होते हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार ने सर्विसेज सेक्रेटरी को बदलने के लिए दो दिन पहले भेजी गई फाइल को लेकर एलजी बैठे हुए हैं.
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Services Secretary Dispute: सर्विसेज सेक्रेटरी बदलने को लेकर चल रहे बवाल के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से शुक्रवार को मुलाकात की.बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दोनों के बीच सर्विसेज सेक्रेटरी की फाइल पर चर्चा हुई. उपराज्यपाल ने कहा है कि वह जल्द ही फाइल भेजेंगे.
सीएम केजरीवाल ने कहा, सर्विसेज सेक्रेटरी बेहद अहम होते हैं, सभी प्रशासनिक फेरबदल उन्हीं के जरिए होते हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार ने सर्विसेज सेक्रेटरी को बदलने के लिए दो दिन पहले भेजी गई फाइल को लेकर एलजी बैठे हुए हैं.
'उम्मीद करता हूं ये अफवाह हो'
इससे पहले दिन में केजरीवाल ने एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने कहा था, सुनने में आया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश ला रही है. इस पर उन्होंने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि ये अफवाह हो, अगर ये ऐसा करते हैं तो ये दिल्ली और देश के लोगों के साथ धोखा होगा. सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के आदेश का सबको सम्मान करना चाहिए'
दरअसल 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सर्व सम्मति से फैसला दिया था कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस विभाग चुनी हुई सरकार के तहत है. मुख्यमंत्री का कहना है कि ये विभाग केंद्र सरकार या एलजी साहब के अधीन नहीं है.
एलजी से मिलकर सीएम केजरीवाल ने कहा, 'मेरी एलजी साहब से मुलाकात हुई. मैंने उनसे पूछा कि सर्विसेज सेक्रेटरी वाली फाइल पर दस्तखत कब कर रहे हैं तो क्या हुआ तो उन्होंने कहा मैं भेज रहा हूं.मैं उम्मीद करता हूं कि वे जल्द ही इसको भेज देंगे क्योंकि सर्विसेज सेक्रेटरी बेहद अहम होते हैं. हम जितने भी प्रशासनिक फेरबदल करना चाहते हैं वे सारे सर्विसेज सेक्रेटरी करते हैं. सबसे पहले उनको बदलना जरूरी है.'
केजरीवाल ने आगे कहा, 'एक और बात जबरदस्त तरीके से फैली हुई है कि क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अध्यादेश लाकर पलटने वाली है? मैं उम्मीद करता हूं कि ये अफवाह हो क्योंकि अगर ऐसा होता है तो दिल्ली और देश के लोगों के लिए धोखा होगा. ये सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का आदेश है तो उसका सम्मान होना चाहिए. बहुत वर्षों के बाद दिल्ली के लोगों को न्याय मिला है और उनको खुशी है कि सालों बाद दिल्ली की चुनी हुई सरकार उनके लिए काम कर पाएगी.'