Congress: क्या गांधी परिवार के साथ अब नहीं रहे पहले जैसे रिश्ते? अशोक गहलोत ने दिया ये जवाब
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Congress: क्या गांधी परिवार के साथ अब नहीं रहे पहले जैसे रिश्ते? अशोक गहलोत ने दिया ये जवाब

Congress President Election: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना वोट डाला. गहलोत पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे और मतदान किया. 

Congress: क्या गांधी परिवार के साथ अब नहीं रहे पहले जैसे रिश्ते? अशोक गहलोत ने दिया ये जवाब

Congress President Election 2022: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि गांधी परिवार के साथ उनका रिश्ता "जीवन भर के लिए समान" रहेगा. उन्होंने कहा, '19 अक्टूबर के बाद भी गांधी परिवार से मेरा रिश्ता वैसा ही रहेगा, जैसा पिछले 50 साल से था, यह मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं.’ बता दें सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोट डाले गए. वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी. मैदान में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर हैं.

हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से गांधी परिवार से गहलोत के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहने संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कहा, "विनोबा भावे ने एक बार कहा था कि गीता माता के साथ उनका रिश्ता तर्क से परे है. गांधी परिवार के साथ भी मेरा वही रिश्ता है और जीवन भर ऐसा ही रहेगा." वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनावों के मद्देनजर गांधी परिवार के साथ अपने संबंधों के बारे में अटकलों पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना वोट डाला. गहलोत पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे और मतदान किया. गहलोत ने वोट डालते हुए एक तस्वीर भी ट्वीट की.

अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे थे गहलोत
गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे थे, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक आयोजित करने के पार्टी के कदम के साथ तेजी से बदला. इसे राष्ट्रपति चुनाव से पहले पार्टी की 'एक आदमी, एक पद' लाइन के तहत मुख्यमंत्री को बदलने की कवायद के रूप में देखा गया.

हालांकि, बैठक नहीं हो सकी क्योंकि गहलोत के वफादार विधायकों ने समानांतर बैठक की और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी कदम के विरोध में अध्यक्ष सी पी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. बाद में गहलोत ने सीएलपी की बैठक में प्रस्ताव पारित नहीं हो पाने के लिए दिल्ली में सोनिया गांधी से माफी मांगी और कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे.

इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. गहलोत खड़गे के प्रस्तावकों में शामिल थे. राज्य की राजनीतिक स्थिति और हाल ही में कांग्रेस की 'एक आदमी, एक पद' लाइन को लागू करने को लेकर हुए घटनाक्रम पर, गहलोत ने कहा कि खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतेंगे और इसका जवाब देंगे.

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