सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें केवल जेटेट पास अभ्यर्थियों को ही भर्ती में भाग लेने की अनुमति दी गई है. इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने सीटेट और अन्य राज्यों के टीईटी पास उम्मीदवारों को भी भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया.
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झारखंड में 26,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) और अन्य राज्यों की टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी इस भर्ती परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी गई थी. अब सिर्फ झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (जेटेट) पास उम्मीदवार ही इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे.
क्यों खारिज हुआ हाईकोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि झारखंड के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं (संथाली, खोरठा, नागपुरी) का ज्ञान जरूरी है, जो सिर्फ जेटेट पास अभ्यर्थियों के पास ही होता है. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने माना कि सीटेट या दूसरे राज्यों के टीईटी पास अभ्यर्थियों को इन भाषाओं की जानकारी नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा. यह फैसला राइट टू एजुकेशन (आरटीई) कानून के प्रावधानों को ध्यान में रखकर लिया गया.
क्या था मामला?
दिसंबर 2023 में झारखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि सीटेट या अन्य राज्यों के टीईटी पास अभ्यर्थी भी सहायक शिक्षक भर्ती में बैठ सकते हैं. इसके खिलाफ जेटेट पास कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. उनका कहना था कि जेटेट में क्षेत्रीय भाषाओं की परीक्षा होती है, जो दूसरे टीईटी में नहीं होती.
अदालत ने क्या कहा?
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील गोपाल शंकर नारायण और अमृतांश वत्स ने तर्क दिया कि झारखंड के स्कूलों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाना जरूरी है. अगर बाहरी राज्यों के शिक्षक आएंगे, तो वे इस जिम्मेदारी को नहीं निभा पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को मानते हुए हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया.
अप्रैल में ही मिल चुका था संकेत
इससे पहले अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को आदेश दिया था कि वे बिना अनुमति के भर्ती परीक्षा का रिजल्ट न छापें. यह आदेश तब दिया गया था, जब जेटेट पास अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
क्या होगा अब?
- अब तक हुए सभी इंटरव्यू और परीक्षा प्रक्रिया को जेटेट पास अभ्यर्थियों के आधार पर ही आगे बढ़ाया जाएगा.
- सीटेट या अन्य टीईटी पास उम्मीदवारों के लिए यह निर्णय बड़ा झटका है, क्योंकि वे अब इस भर्ती में शामिल नहीं हो सकेंगे.
- झारखंड सरकार ने यह भर्ती प्रक्रिया राज्य के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शुरू की थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि झारखंड जैसे राज्यों में स्थानीय भाषाओं और संस्कृति को शिक्षा में प्राथमिकता दी जाएगी. हालांकि, इससे राज्य में शिक्षक भर्ती को लेकर चल रही उलझनें अभी खत्म नहीं हुई हैं.
इनपुट एजेंसी- आईएएनएस
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