Ranchi: सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने पेश की मिसाल, पेरेंट्स की इस चिंता को किया दूर
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Ranchi: सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने पेश की मिसाल, पेरेंट्स की इस चिंता को किया दूर

रांची के बालकृष्ण प्लस टू स्कूल में काम करने वाले शिक्षक अपने छात्रों के लिए देवदूत की तरह सामने आए. मिसाल पेश करते हुए यहां के शिक्षकों ने बच्चों का नामांकन खुद की जेब से पैसे देकर करवाने का फैसला किया.

सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने पेश की मिसाल. (प्रतीकात्मक तसेवीर)

Ranchi: कोरोना महामारी (Coronavirus) ने जहां देश-दुनिया को हिला कर रख दिया, वहीं इस संकट के दौर में कई बेमिसाल बातें भी सामने आई. महामारी के लंबे दौर ने न सिर्फ बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगी छीन ली बल्कि रोजी-रोजगार पर भी बड़ा प्रहार किया. हर जगह बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी गई, जिससे घर-परिवार का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया. रोजी-रोटी के अलावा अन्य खर्चे निकालना मुसीबत बन गया. यहां तक कि बच्चों की फीस भरना भी कई अभिभावकों के लिए मुश्किल हो गया. इस दौर में निजी स्कूलों ने फीस से कोई समझौता नहीं किया. फीस नहीं भर पाने पर बच्चों का नाम स्कूल से काट दिया गया या फिर उनको ऑनलाइन क्लास से वंचित कर दिया गया. ऐसे में बच्चों के साथ अभिभावक भी परेशान हो गए.

बालकृष्ण स्कूल के शिक्षक बने मिसाल
अभिभावकों के लिए हालात बेहद मुश्किल थे. ऐसे में रांची के बालकृष्ण प्लस टू स्कूल में काम करने वाले शिक्षक अपने छात्रों के लिए देवदूत की तरह सामने आए. मिसाल पेश करते हुए यहां के शिक्षकों ने बच्चों का नामांकन खुद की जेब से पैसे देकर करवाने का फैसला किया. स्कूल के शिक्षकों ने इस साल नए सत्र में नौवीं कक्षा में अभी तक कुल 90 बच्चों का दाखिला खुद के पैसों से करवाया है. स्कूल प्रबंधन ने फ्री में एडमिशन की पहल की.

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Whatsapp Group के जरिए बच्चों का नामांकन
बता दें कि बालकृष्ण स्कूल के शिक्षकों ने नामांकन के लिए आठवीं पास करने वाले बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और यहीं पर ही ऑनलाइन क्लास लेना शुरू किया. एसएसटी शिक्षिका रोशनी टोप्पो ने बताया कि बच्चों से स्कूल में दाखिला लेने का आग्रह किया जाता था. बच्चों को परेशानी ना हो इसलिए खुद जाकर यहां के शिक्षकों ने पहले के स्कूल से बच्चों को टीसी भी दिलवाई. वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल दिव्या सिंह बताती हैं कि बच्चे आर्थिक तंगी की वजह से स्कूल ना आएं यह दुखद होता है. इसी सोच के तहत कदम आगे बढ़ाया गया और यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष जितने भी बच्चे स्कूल में एडमिशन लेंगे उनकी एडमिशन फीस सारे शिक्षक मिलकर चुकाएंगे. उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि जितने भी बच्चे नामांकन के लिए आएंगे, उन सभी की एडमिशन फीस भी स्कूल के शिक्षक ही मिलकर भरेंगे.

सराहनीय पहल की हर तरफ तारीफ
बहरहाल एक तरफ जहां कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा फीस के लिए बच्चों और अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ रांची के इस सरकारी स्कूल ने बच्चों के हित में सराहनीय कदम उठाया जो अन्य स्कूलों के लिए एक मिसाल है. इन शिक्षकों की हर तरफ तारीफ हो रही है.

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