सर्च ऑपरेशन के दौरान सोमवार को लातेहार जिले के बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. इस दौरान दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई.
Trending Photos
लातेहार: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान लगातार चल रहा है. इसी कड़ी में सर्च ऑपरेशन के दौरान सोमवार को लातेहार जिले के बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. इस दौरान दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई. हालांकि पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग निकले.
दूर गांव तक सुनायी दी फायरिंग की आवाज
बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए सुरक्षाबल यहां अक्सर अभियान चलाते रहते हैं. ऐसे ही एक अभियान के दौरान सोमवार सुबह 6 बजे के आसपास जंगल में CRPF और कोबरा बटालियन के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई. बताया जा रहा है की बूढ़ा पहाड़ में हुए मुठभेड़ के दौरा गोलीबारी की आवाज पास के कुजरूम गांव तक सुनायी दी. हालांकि मुठभेड़ के दौरान दोनों ही तरफ से कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन भारी फायरिंग के बीच नक्सलियों के पांव उखड़ गए, और वो जंगल की तरफ भाग निकले.
नक्सलियों का बंकर ध्वस्त
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया. सर्च अभियान में पुलिस को 30 सिलेंडर बम, 1 कुकर बम, 3 केन बम मिलने की सूचना है. इस दौरान नक्सलियों का एक बंकर भी ध्वस्त किया गया. पुलिस ने इस बंकर से काफी मात्रा में नक्सलियों का खाने-पीने का सामान बरामद किया है. जानकारी के मुताबिक 1000 किलो चावल, 50 किलो दाल, 5 किलो आटे के अलावा नक्सली साहित्य और मेडिकल किट भी बरामद हुआ.
बंकर से मिले लैंडमाइंस को किया नष्ट
पुलिस को बंकर से 40 के करीब लैंडमाइंस भी मिला. लातेहार के एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि सुरक्षाबलों ने बरामद लैंडमाइंस को विस्फोट कर नष्ट कर दिया है.
नक्सलियों का गढ़ है बूढ़ा पहाड़
बता दें की झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर मौजूद बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों को गढ़ माना जाता है. बूढ़ा पहाड़ हमेशा से नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. नक्सलियों को लेकर काफी संवेदनशील इलाका होने के कारण बूढ़ा पहाड़ में झारखंड पुलिस लगातार अभियान चलाती रहती है.
नक्सलवाद के सफाए की कोशिश में कई बार पुलिस को इस अभियान में बड़ी सफलता मिलती है, तो कई बार नक्सली भागने में कामयाब रहते हैं. लातेहार के एसपी अंजनी अंजन के मुताबिक नक्सलियों को बूढ़ा पहाड़ के क्षेत्र से खदेड़ने के लिए अभियान चलता रहेगा.
(इनपुट-संजीव कुमार गिरि)