Land For Job Scam: विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें, जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमा चलाने को मंजूरी
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Land For Job Scam: विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें, जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमा चलाने को मंजूरी

Land For Jobs Scam: दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट में अब 7 फरवरी को इस मामले की सुनवाई होगी. आज (गुरुवार, 30 जनवरी) हुई सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में आरोपी सभी पूर्व लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी मिल गई है.

लालू यादव

Land For Jobs Scam: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके परिवार की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं. जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट में आज (गुरुवार, 30 जनवरी) सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में आरोपी सभी पूर्व लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम ऑथोरिटी से पहले ही मंजूरी मिल गई थी. कोर्ट ने CBI द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए 7 फरवरी की तारीख सुनिश्चित की है. यानी अब 7 फरवरी को इस मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि इससे पहले 23 दिसंबर और 16 जनवरी को होनी सुनवाई कुछ कारणों से टल गई थी.

बता दें कि इस केस में लालू यादव,पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं. 07 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने इस केस के मुख्य आरोपियों में से लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव समेत सभी आरोपियों को 1-1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. सभी को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का भी निर्देश दिया गया था. इसके बाद 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी, जबकि तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी.

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बता दें कि लालू प्रसाद यादव पर नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने या उनके परिवार को बेचने के लिए दबाव बनाने का आरोप है. यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है. उस वक्त लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने नियमों को ताक पर रखते हुए भर्तियां की थीं. आरोप है कि लोगों को रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई थीं. इसके बदले नौकरी पाने वाले लोगों ने लालू परिवार को अपनी जमीन उपहार में दी गईं थीं.

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