Independence Day 2024: देश में इस बार 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने राजधानी दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे को फहरा मनमोहन सिंह के बनाए रिकॅाड को अपने नाम कर लिया है. देश के लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगे को फहराने के सूची में प्रधानमंत्री मोदी तीसरे स्थान पर आ गए हैं.
आज देश भर में 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. देशवासियों में इस दिन को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराया है. ऐसा करने वाले ये देश के तीसरे प्रधानमंत्री है.
अभी तक किस प्रधानमंत्री ने लाल किले पर देश की शान तिरंगे को सबसे ज्यादा बार फहराया है. इस सूची में सबसे आगे कौन है? और किन प्रधानमंत्रियों को एक भी बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का मौका नहीं मिला था? चलिए हम आपको बताते हैं.
राजधानी दिल्ली के लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने का रिकॅाड देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पास है. इन्होंने 1947 से 1964 तक के कार्यकाल में 17 बार लाल किले पर तिरंगे को फहराया है.
इसके बाद दूसरे नंबर पर ये रिकॉर्ड बनाने वाली कोई और नहीं बल्कि देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी है. इन्होंने अपने 1966 से 1976 और 1980 से 1984 तक के कार्यकाल में लाल किले पर 16 बार तिरंगे को फहराया है.
इन दोनों प्रधानमंत्रियों के बाद तीसरे नंबर पर जो प्रधानमंत्री है, वो कोई और नहीं बल्कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी है. इन्होंने इस साल 11वीं बार लाल किले पर देश की शान तिरंगे को फहराया है.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2004 से 2013 तक के कार्यकाल में लगातार 10 बार लाल किले पर तिरंगे को फहराने का रिकॉर्ड बनाया है. लाल किले पर सबसे ज्यादा झंडा फहराने वाले सूची में अब ये चौथे स्थान पर आते हैं. क्योंकि इस बार पीएम मोदी ने उनके बनाए रिकॅाड को तोड़ 11वीं बार तिरंगा फहरा कर, तीसरे स्थान पर अपने नाम को काबिज कर लिया है.
देश में दो ऐसे प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जिन्हें एक भी बार लाल किले पर तिरंगे को फहराने का मौका नहीं मिल पाया था. उनमें से एक है दो बार अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले गुलजारीलाल नंदा. इन्होंने पहली बार 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री पद का शपथ लिया था. वहीं, दूसरी बार गुलजारीलाल नंदा ने 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया था.
गुलजारीलाल नंदा के बाद देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री जिन्होंने कभी लाल किले पर तिरंगे को नहीं फहराया, वो है देश के आठवें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर. जिन्हें लोग जननायक के नाम से भी जानते है. चंद्रशेखर ने 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 के बीच भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक बार भी लाल किले पर तिरंगे को नहीं फहराया था.