Bihar politics: नीतीश कुमार के इस दिल्ली दौरे के बाद बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है. बिहार बीजेपी के सभी नेता सीएम नीतीश कुमार को लगातार निशाना बना रहे हैं.
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पटना: Bihar politics: बिहार में बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं. माना जा रहा है कि नीतीश ने देश में विपक्ष को एकजुट होने का जो नारा दिया था, अब उसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं, नीतीश कुमार के इस दिल्ली दौरे के बाद बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है. जिसके बाद, बिहार बीजेपी के सभी नेता सीएम नीतीश कुमार को लगातार निशाना बना रहे हैं.
बीजेपी में बेचैनी बढ़ी
इसी कड़ी में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब बिहार बाढ़ और सूखे की दोहरी मार झेल रहा है, तब नीतीश कुमार केवल सुर्खियों में रहने के लिए दिल्ली के राजनीतिक पर्यटन पर हैं.
नीतीश कुमार का नतमस्तक दुखद
मोदी ने कहा कि 1960 के दशक में डा. लोहिया और 1974-77 के बीच जेपी ने जिस कांग्रेस के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी, उसके नेतृत्व की सबसे नकारा पीढ़ी के आगे लालू प्रसाद के बाद नीतीश कुमार का नतमस्तक होना अत्यंत दुखद है.
नीतीश कर रहे पुराने शत्रुओं की मदद
साथ ही, उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उन दलों को कांग्रेस के साथ लाने के असम्भव अभियान ( मिशन इम्पॉसिबल) पर हैं, जो विभिन्न राज्यों में कांग्रेस से लड़ कर ही सत्ता में हैं. केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली इसके प्रमाण हैं. मोदी ने कहा नीतीश कुमार का पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा से मिलना इस बात का संकेत है कि वे केंद्र में अस्थिर और कमजोर सरकारों वाला दौर लौटा कर देश के पुराने शत्रुओं की मदद करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में देवगौड़ा-गुजराल सहित 6 प्रधानमंत्री हुए थे. नीतीश कुमार उस दौर से बाहर नहीं निकल पाए, जबकि 2014 के बाद देश बहुत आगे निकल चुका है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उस कांग्रेस से मिल रहे हैं, जो केवल दो राज्यों में सिमट चुकी है. वे उन वाम दलों को भी जोड़ना चाहते हैं, जिनका वजूद खत्म हो रहा है.
बंगाल जाएंगे नीतीश
मोदी ने कहा कि जदयू का नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में भेजना एक मनोरंजक प्रयोग है. वहीं, दिल्ली में तमाम पार्टियों के नेताओं से मिलने के बाद अब खबरें आ रही है कि वो अब बंगाल और ओडिसा भी जाएंगे. खबरों के मुताबिक नीतीश कुमार ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बंगाल में ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. अब देखना ये है कि नीतीश कुमार की विपक्ष को साथ लाने की यह कोशिश कितनी कामयाब होती है.
(आईएएनएस)