बकरीद पर बढ़ा सलमान शाहरुख का भाव, जानिए क्या है उनकी कीमत
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बकरीद पर बढ़ा सलमान शाहरुख का भाव, जानिए क्या है उनकी कीमत

सिवान की मंडी में बॉलीवुड का खुमार चढ़ा हुआ है. सिवान बकरा मंडी में अभी भी बकरों को खरीदने वालों की भीड़ लगी है. इसमें सलमान खान और शाहरूख खान को 50-50 हजार रुपये में खरीदा गया है.

बकरीद पर बढ़ा सलमान शाहरुख का भाव, जानिए क्या है उनकी कीमत

सिवानः कोरोना महामारी के दो साल बाद बकरों की मंडी सजनी शुरू हो गई है. इस बार मंडियों में बॉलीवुड का खुमार चढ़ा हुआ है. किसी बकरे का नाम सलमान खान है तो कोई किंग खान के नाम से बिक रहा है. सिवान बकरा मंडी में अभी भी बकरों को खरीदने वालों की भीड़ लगी है. इसमें सलमान खान और शाहरूख खान को 50-50 हजार रुपये में खरीदा गया है. बॉलीवुड के तीनों सितारों के नाम पर बकरे आकर्षण का केंद्र बने रहे. दुकानदारों को साफ तौर पर कहना है कि इस बार अच्छी बिक्री हो रही है और दाम भी अच्छा मिल रहा है. दो साल पहले कोरोना काल में हम लोग का बुरा हाल हो गया था. इस वर्ष अच्छी स्थिति में हम लोग के बकरे बिक रहे हैं.

बकरीद पर बकरों की जमकर हुई खरीदारी
सिवान मंडी में बकरा बेचने वाले अली हसन ने बताया कि कोरोना महामारी के दो साल बाद इस वर्ष बकरों को कुर्बानी के लिए खरीदने का उत्साह मुस्लिमों में दिखा. दूर-दराज से लोग बकरों को खरीदने के लिए आ रहे हैं. करीब 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की कीमत के बकरों की खरीदारी जोरों-शोरों पर है. 

विक्रेताओं को लुभाने के लिए बकरों के रखे आकर्षक नाम
मंडी में बकरा बेचने वाले शुज्जाउद्दीन ने बताया कि खरीदारों को लुभाने के लिए बकरों का नाम भी बेहद आकर्षक रखा है. बकरीद से पहले बकरों की खरीदारी के साथ-साथ कपड़ों और खाने पीने की चीजों को भी लोगों ने खूब खरीदारी की. जिसके चलते सड़क पर जाम की स्थिति भी बन गई.

बड़े पशु के होते हैं सात हिस्से
सिवान में रहने वाले रहमान ने बताया कि जिन लोगों के पास बकरा खरीदने के लिए रुपये नहीं होते है वो लोग आपस में रुपये एकत्रित कर एक बड़ा पशु खरीद लेते है. कुर्बानी के लिए जानवरों चुनते समय पर अलग-अलग हिस्से हैं. जहां बड़े जानवर (भैंस) पर सात हिस्से होते हैं. वहीं, बकरे जैसे छोटे जानवरों पर महज एक हिस्सा होता है.

मंडी में अन्य शहरों से लाए जा रहे पशु
मंडी में बकरा बेचने वाले मुकीम ने बताया कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी के पशुओं की डिमांड बढ़ जाती है. इसको लेकर पशु व्यापारी पहले से ही तैयारी करते हैं. कुछ व्यापारी गांवों में बकरों को पालते हैं, जबकि कुछ व्यापारी राजस्थान, पंजाब आदि राज्यों से पशुओं को लेकर बेचते हैं. इस बार भी बड़ी संख्या में पशुओं को राजस्थान से लाया जा रहा है.

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