Bihar Weather Today's Update: पटना: बिहार में कड़ाके की ठंड का कहर लगातार जारी है, जिससे आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बढ़ती ठंड ने लोगों की परेशानियों को भी बढ़ा दिया है. राज्य के न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. पिछले 24 घंटों के दौरान पटना समेत राज्य के 28 जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. पटना के न्यूनतम तापमान में 4.3 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 9.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. वहीं, 6.4 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ समस्तीपुर (पूसा) का न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा.
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के द्वारा राज्य के उत्तरी और दक्षिण पूर्व भागों के अधिसंख्य भागों में घना कोहरा छाए रहने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. राजधानी पटना सहित आसपास के इलाकों में हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा छाए रहने का पूर्वानुमान है.
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 12 जनवरी को बक्सर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा की भी संभावना है.
राजधानी पटना के अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 18.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. वहीं, वाल्मीकि नगर में 0.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई. पटना में दोपहर में धूप निकलने के बावजूद ठंडी हवा से कनकनी का प्रभाव बना रहा.
लगातार कई दिनों से पछुआ हवा और कोहरे से कड़ाके की ठंड और शीतलहर से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शहरी क्षेत्र में अलाव का प्रबंध कहीं-कहीं देखने को मिला है, लेकिन अमरपुर नगर परिषद क्षेत्र में अलाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रहा है.
ग्रामीण इलाकों में लोग खुद जुगाड़ से ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं. बांका जिले के लगभग सभी प्रखंड क्षेत्र में तेज पछुआ हवा के चलने से बढ़ी कड़ाके की ठंड से आम लोग परेशान हैं.
बढ़ते ठंड के कारण ठिठुरन और शीतलहर से आम जन जीवन काफी प्रभावित है. किसान और मजदूरों को मजबूरन रोजी रोजगार के लिए कड़ाके की ठंड में घर से बाहर निकलना पड़ रहा है. तेज पछुआ हवा से कड़ाके की ठंड पड़ रही, ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.
ठंड और कनकनी के कारण अररिया जिले के फारबिसगंज में तापमान काफी गिर चुका है, बावजूद इसके भीषण शीतलहर और कनकनी से बचाव के लिए फारबिसगंज नगर परिषद द्वारा अलाव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है.
फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों को ठंड में इधर उधर घूमकर या फिर खुद से अलाव की व्यवस्था कर रात गुजारनी पड़ रही है.
अनुमंडलीय अस्पताल में दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से भी रात के समय बीमार लोगों को लेकर लोग आते हैं, जिन्हें अस्पताल परिषर में किसी तरह रात गुजारनी पड़ती है. अस्पताल परिसर में अलाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है, जिसके कारण यहां मरीजों के परिजनों को ठंड से राहत नहीं मिलती है. (इनपुट - सन्नी कुमार, कुमार नितेश, बीरेंद्र सिन्हा)
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