Bihar News : एंबुलेंस चालकों का कहना है कि 102 पर फोन करने पर मरीजों को एंबुलेंस की आईडी दे दी जा रही है लेकिन ईंधन मुहैया नहीं कराया जा रहा है.
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बगहा : बगहा के यूपी और नेपाल सीमा पर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में विगत तीन दिनों से एंबुलेंस सेवा ईंधन के अभाव में ठप्प पड़ा है. लिहाजा मरीज व उनके परिजन एंबुलेंस के लिए अस्पताल के विभिन्न दफ्तरों का खाक छानने को मजबूर हैं. बताया जा रहा है कि एक 14 वर्षीय आठवीं कक्षा की छात्रा को गंभीर स्थिति में विद्यालय प्रबंधन द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहां से उसे जीएमसीएच रेफर किया गया. छात्रा के मुंह व नाक से लगातार खून बह रहा था. लिहाजा कार्यरत चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया.
सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंचे और दो घंटे तक एंबुलेंस के लिए भटकते रहे. आखिरकार दो घंटे बाद परिजन खुद से एंबुलेंस में डीजल भराकर बेतिया जीएमसीएच के लिए रवाना हुए. बता दें कि अनुमंडलीय अस्पताल में चार एंबुलेंस है. चारों जीवनरक्षक एंबुलेंस तीन दिनों से डीजल के अभाव में खड़े हैं लिहाजा हड़ताल जैसी स्थिति बनी हुई है. एंबुलेंस संचालन के लिए सरकार ने पीडीपीएल यानि पशुपति नाथ डिस्ट्रीब्यूटर लिमिटेड को जिम्मेवारी दी है, लेकिन इस एनजीओ की उदासीनता से मरीज परेशान हो रहे हैं. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि 102 पर फोन करने पर मरीजों को एंबुलेंस की आईडी दे दी जा रही है लेकिन ईंधन मुहैया नहीं कराया जा रहा है.
मरीज के परिजनों का कहना है कि 14 वर्षीय सब्बी खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सक डॉ. विनय कुमार ने स्थिति गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए मरीज को जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया. रेफर होने के बाद वे लोग एंबुलेंस के लिए कार्यालयों का चक्कर काटते रहे अंत में खुद से डीजल भराकर रेफर मरीज को बेतिया ले गए. इस मामले में प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. के.बी.एन. सिंह ने बताया कि ईंधन मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन से पूर्व में ही पत्राचार किया गया है, लेकिन एनजीओ की लापरवाही और उदासीनता के कारण मरीजों को समस्या हो रही है. इसका निदान शीघ्र किया जाना चाहिए.
इनपुट- इमरान अजीजी
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