Trending Photos
Deoghar: देवघर में श्रावणी मेले का आयोजन 2 साल के बाद होने जा रहा है. इस बार के श्रावणी मेले से व्यवसायियों को काफी उम्मीदें है. 2 साल से मंदी के शिकार हुए होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को जो आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. जिससे अब लोगों को काफी हद तक निजात मिल जाएगा. लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या प्रशासन द्वारा शहर के सभी एंट्री प्वाइंट पर नो एंट्री करने से चेंबर ऑफ कॉमर्स से डीसी की एक बैठक भी संपन्न हुई. जिसमें इनकी प्रमुख मांगे थी कि शहर में गाड़ियों का आवागमन सुनिश्चित किया जाए ताकि होटल का व्यवसाय फिर से पुनर्जीवित हो सके. फिलहाल इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
दो साल में व्यवसाय पर पड़ा काफी असर
देवघर में सबसे बड़ा कोई व्यवसाय है तो वह है बाबा मंदिर से संबंधित व्यवसाय. जिसमें प्रमुख रूप से पेड़ा प्रसाद और होटल व्यवसाय है. 2 साल से श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होने से होटल सहित अन्य व्यवसाय काफी प्रभावित हुए हैं. दूसरी तरफ जिला प्रशासन के द्वारा पिछले कई सालों से शहर में नो एंट्री जोन बना दिया गया है. जिससे आने वाले श्रद्धालु शहर में गाड़ियों से प्रवेश नहीं कर पाते और इसका सीधा असर होटल व्यवसाय पर पड़ता है.
होटल व्यवसायियों का कहना है कि पूरे शहर में नो एंट्री जोन बना दिया जाता है. जिससे आने वाले श्रद्धालु अपनी गाड़ी लेकर शहर में प्रवेश नहीं कर पाते और इसके कारण होटल में ठहरना इनके लिए मुमकिन नहीं हो पाता. व्यवसाय जिला प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं कि एक निश्चित रूट लाइन बनाई जाए. जहां से गाड़ियां होटल तक पहुंच सके. होटल में पार्किंग की व्यवस्था होटल संचालक करेंगे. इसके अलावा शहर में कई जगह पार्किंग बनाए जा सकते हैं.
नो एंट्री जोन को हटाने की मांग
देवघर के होटल कारोबारी और अन्य प्रतिष्ठान लगातार जिला प्रशासन पर नो एंट्री को हटाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में देवघर डीसी के द्वारा संथाल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स के सभी सदस्यों को बुलाकर एक बैठक भी की गई. हालांकि बैठक निर्णय तक नहीं पहुंचा है, लेकिन इनकी मांगों को संज्ञान में रखा गया है.
बैठक के बाद 3 दिन में लिया जाएगा निर्णय
देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री का कहना है कि होटल व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. लेकिन शहर में नो एंट्री जोन नहीं बनाने से श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत होती है. ट्रैफिक जाम की समस्या भी काफी बढ़ जाती है लेकिन व्यवसाय को बढ़ाना भी जरूरी है. ऐसे में इनकी मांगों को संज्ञान में लेते हुए 2 से 3 दिनों में निर्णय तक पहुंचा जाएगा. जिससे श्रावणी मेले का सफल संचालन भी हो सके और व्यवसाय भी प्रभावित ना हो.
4 सालों में होटल व्यवसाय हुआ प्रभावित
3 से 4 सालों के बीच होटल व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. श्रावणी मेला में होटल का व्यवसाय काफी अच्छा चलता था, लेकिन नो एंट्री रहने के कारण वैसे भक्त जो अपने चार पहिया वाहन से देवघर आकर होटलों में ठहरते थे और बाबा के दर्शन करते थे. उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण होटल व्यवसाय काफी मंदा हो गया है. चेंबर ऑफ कॉमर्स और सभी कारोबारियों की निगाहें अब डीसी के फाइनल आदेश पर टिकी हुई है.
ये भी पढ़िये: Bihar Weather: मौसम विभाग का अलर्ट जारी, भारी बारिश के साथ वज्रपात होने की संभावना