झारखंड का गढ़वा जिला जो तीन राज्यों की सीमा से घिरा हुआ जिला है, जिसमें यूपी, छत्तीसगढ़ और बिहार राज्य है. यह जिला चारों ओर से जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां बड़े पैमाने पर तस्कर जंगलों की कटाई कर रहे है, लेकिन वन विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लगा हुआ है.
झारखंड का गढ़वा जिला जो तीन राज्यों की सीमा से घिरा हुआ जिला है, जिसमें यूपी, छत्तीसगढ़ और बिहार राज्य है. यह जिला चारों ओर से जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां बड़े पैमाने पर तस्कर जंगलों की कटाई कर रहे है, लेकिन वन विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लगा हुआ है. वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिसका पर्यावरण पर बुरा असर पड़ने की संभावना तीव्र हो गई है.
वन विभाग के अधिकारियों के लापरवाही के कारण प्रखंड के वन क्षेत्र में वृक्षों की कटाई बदस्तूर जारी है. जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच जाता है तो थोड़ा-बहुत जुर्माना लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है. जिससे लकड़ी माफिया में लगातार हौसले बुलंद होते जा रहा है.
वहीं, चिनियां वन क्षेत्र की है. जहां चपकली के गांव मे लकड़ी माफिया पेड़ की अंधाधुंध कटाई कर 70 बेशकीमती सखुवा पेड़ की कटाई कर छिपाकर रखा था. जिसे वन विभाग के गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा. जबकि बरगढ़ वन क्षेत्र के कलाखजुरी के लोगों ने वन प्रबंधन का काम जोरों से शुरू कर दिया है. हालांकि, इस ग्राम सभा ने अभी तक वन प्रबंधन समिति का गठन नहीं कर पाया है.
8 जनवरी, 2025 से लेकर 10 जनवरी 2025 तक घर घर जाकर जलावन की लकड़ी को छोड़कर अन्य लकड़ी की पड़ताल हो रही है. इस पड़ताल के भयानक नतीजे निकलकर सामने आ रहे हैं. प्रायः सभी घरों में सखुआ पेड़ का लड़की मिल रहा है जिसे ग्राम सभा ने काटने पर पाबंदी लगा रखा है. ऐसी कटाई से जंगल उजड़ता जा रहा है.
ग्राम सभा ने यह नियम बना रखा है कि कोई भी व्यक्ति वनोत्पाद और सुखी लकड़ी लाता है, उसके लिए वन प्रबंधन समिति या ग्राम सभा के अधिकारियों के समक्ष लिखित अनुमति लेगा. जंगल में हो रही कटाई के मामले पर डीएफओ ने कहा कि कटाई की सूचना मिलना पर हमलोग कार्रवाई करते रहते है, लेकिन जिस तरह से आप जानकारी दे रही है इसकी विस्तृत जांच की जाएगी.
रिपोर्ट: आशीष प्रकाश राजा
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