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धनबाद: Jharkhand News: धनबाद शहर का सदर अस्पताल जहां कुपोषितों के इलाज के लिए कुपोषण केंद्र खोला जाना था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण कुपोषण केंद्र नहीं खोला जा सका है. कुपोषण केंद्र खोले जाने के लिए धनबाद से भाजपा विधायक राज सिन्हा ने विधानसभा में आवाज भी उठाई थी. इसके बाद सरकार के द्वारा करीब 10 लाख रुपए के सामान सदर अस्पताल को उपलब्ध कराए गए लेकिन कुपोषण केंद्र नहीं खोला जा सका. वही मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक ने जिला स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर तीन दिनों के अंदर कुपोषण उपचार केंद्र से संबंधित जानकारी मांगी गई है. जिसमें मरीज के इलाज व उन्हें दी जाने वाली निशुल्क दवाओं से संबंधित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग से मांगी गई है.
इस रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य महकमे खलबली मची हुई है. डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ राजकुमार सिंह ने कहा कि फिलहाल सिर्फ कुपोषण केंद्र के लिए जगह का चयन किया जा सका है. पूर्व में जिस जगह का चयन हुआ था. वह स्थान कुपोषित लोगों के रहने के लायक नहीं थी. कुपोषण केंद्र खोलने की तैयारी शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपए की राशि जो सरकार के द्वारा निर्गत की गई थी. इस राशि की जानकारी नहीं है. इसके साथ ही स्वास्थ्य उपनिदेशक को रिपोर्ट सौंपने के मामले में उन्होंने कहा कि जो वर्तमान हालात है उस पर रिपोर्ट सौंप जाएगी.
वही मामले को लेकर विधायक राज सिन्हा ने कहा कि मेरे द्वारा मामला सदन में उठाए जाने के बाद भी अब तक यहां कुपोषण केंद्र का निर्माण नहीं हो सका है.. सरकार सिर्फ लूट खसोट में लगी हुई है. जनता की समस्याओं से सरकार को कोई भी लेना-देना नहीं है. बहरहाल सरकार सदर अस्पताल में कुपोषण केंद्र खोले जाने के लिए तत्पर है. लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी सरकार के निर्देशों की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं. अब देखना है कि सरकार विभाग के ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाने के लिए क्या कार्रवाई करती है.
इनपुट- नितेश मिश्रा