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सीवानः राज ठाकरे को अयोध्या में नही घुसने की धमकी देने वाले 6 बार के सांसद रहे और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह सीवान पहुंचे. जहां उन्होंने शहर के टाउन हॉल में आयोजित उत्तर भारतीय सम्मान प्रतिज्ञा सम्मेलन में शिरकत किया.
कार्यक्रम में पहुंचने के दौरान लोगों ने फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. इस कार्यक्रम में सीवान सांसद कविता सिंह और राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी के प्रांतीय अध्यक्ष सह जदयू नेता अजय सिंह भी शामिल रहे. इस दौरान बृज भूषण शरण सिंह ने कहा की कई लोगों ने कहा कि वह बीजेपी से हैं तो उनलोगों को मैं बता देना चाहता हूं कि पहले मैं राम का वंशज हूं, फिर उत्तर भारतीय और फिर भारतीय जनता पार्टी का सदस्य हूं. मैं अपना कर्तव्य निभा लूंगा. यह पार्टी का कार्यक्रम नहीं है मेरा कार्यक्रम है.
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उन्होंने आगे कहा कि जितना रावण ने राम का अपमान नहीं किया उतना ठाकरे ने उत्तर भारतीयों का अपमान किया है. राज ठाकरे 5 जून को अयोध्या आ रहे हैं. उन्हें रोकने के लिए 5 लाख लोगों की भीड़ रहेगी जब तक राज ठाकरे उत्तर भारतीयों से माफी नहीं मांगेंगे तब तक उन्हें अयोध्या में घुसने नही देंगे. उन्होंने कहा कि वह भी राम के भक्त हैं, हम भी राम के भक्त हैं.
उन्होंने आगे कहा कि राज ठाकरे से हमने कोहिनूर का हीरा नहीं मांगा. राज ठाकरे ने सस्ती और गंदी राजनीति के लिए उत्तर भारतीयों को परेशान किया. जितना रावण ने परेशान नहीं किया उतना राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को परेशान किया. दो शब्द अगर माफी के नहीं मांगते हैं तो अयोध्या में कदम नहीं रखने देंगे. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे केवल सपने में चित्र बनाएं कि बिहार झारखंड कैसा है. क्योंकि यहां के नौजवान उन्हें घुसने नहीं देंगे. जो भी उत्तर भारतीयों का अपमान करेगा वह 5 जून का अयोध्या का दृश्य जरूर देखेगा.
उन्होंने आगे कहा कि अगर वह उत्तर भारतीयों से माफी नहीं मांगते हैं तो हमारे संतों से माफी मांगें, योगी से, मोदी से माफी मांगे. उन्होंने कहा कि ठाकरे परिवार का मंदिर आंदोलन में किसी भी प्रकार का योगदान नहीं है. आपको बता दें कि 1993 में मंदिर आंदोलन को लेकर गिराए गए विवादित ढांचे में 40 लोग आरोपी थे उस 40 आरोपितों में बृजभूषण शरण सिंह भी शामिल थे. दूसरी ओर राम जन्मभूमि आंदोलन भी तूल पकड़ रहा था और इस दौरान हुए अयोध्या के तमाम महंतों का आशीर्वाद लेकर वो मंदिर आंदोलन में सक्रिय हो गए. यहां तक कि उन्हें लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं का भी साथ मिला और आंदोलन में जेल भी गए. इसके बाद ही वे लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए. बृज भूषण शरण सिंह 6 बार के सांसद हैं और उनका बेटा दूसरी बार विधायक बना है.