High-risk pregnancy: हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में मां और पेट में पल रहे बच्चे दोनों को खतरा रहता है, ऐसे में यूटेरो फीटल मैटर्नल सर्कुलेशन समझकर सही टेस्ट करना बेहह जरूरी हो जाता है.
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What Is Utero Foetal Placental Circulation: यूटेरो फीटल मैटर्नल सर्कुलेशन प्रेग्नेंसी के दौरान मां और भ्रूण को जोड़ने वाली नसों का एक जटिल नेटवर्क है. ये सिस्टम दोनों के बीच जरूरी पोषक तत्वों, ऑक्सीजन और वेस्ट प्रोडक्ट के एक्सचेज के लिए जरूरी है. आइए पेट में पल रहे बच्चे और उसके जन्म के लिए ये कितना अहम है. आइए डॉ. मोलश्री गुप्ता (Dr. Molshree Gupta), सीनियर फेटल मेडिसिन एक्सपर्ट, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली से इसे समझने की कोशिश करते हैं.
जरूरी अंगों को जानें
1. यूटेराइन आर्टरीज (Uterine Arteries)
ये नसे मां की सर्कुलेटरी सिस्टम से ऑक्सीजन से भरे खून को प्लेसेंटा तक ले जाती हैं.
2. प्लेसेंटा (Placenta)
ये ऑर्गन मां और भ्रूण के बीच एक ब्रिज का काम करता है. ये पोषक तत्वों, ऑक्सीजन और वेस्ट प्रोडक्ट्स के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है.
3. अम्बिलिकल कॉर्ड (Umbilical Cord)
यह गर्भनाल भ्रूण को प्लेसेंटा से जोड़ती है. इसमें 2 अम्बिलिकल आर्टरीज और एक अम्बिलिकल वेन होते हैं.
4. अम्बिलिकल आर्टरीज (Umbilical Arteries)
गर्भनाल धमनियां भ्रूण से प्लेसेंटा तक ऑक्सीजन से भरपूर खून और वेस्ट प्रोडक्ट को ले जाती हैं.
5. अम्बिलिकल वेन (Umbilical Vein)
ये प्लेसेंटा से भ्रूण तक ऑक्सीजन युक्त रक्त और पोषक तत्वों को ले जाती है.
जरूरी प्रॉसेस को समझें
1. मां के हार्ट से ऑक्सीजन से भरे खून को यूटेराइन आर्टरीज के जरिए गर्भाशय तक पहुंचाया जाता है.
2. प्लेसेंटा में मैटरनल ब्लड डिफ्यूज से ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स फीटस के खून में फैल जाते हैं.
3. ऑक्सीजन वाले खून प्लेसेंटा से अम्बिलिकल वेन के जरिए से भ्रूण तक पहुँचाया जाता है।
4. भ्रूण का हार्ट ऑक्सीजन युक्त रक्त को उसके अंगों तक पहुंचाता है.
5. ऑक्सीजन रहित रक्त और वेस्टप्रोडक्ट अम्बिलिकल आर्टरीज के जरिए प्लेसेंटा तक वापस ले जाए जाते हैं.
6. प्लेसेंटा में ये वेस्ट प्रोडक्ट इलिमिनेशन के लिए मैटरनल ब्लड में ट्रांस्फर हो जाते हैं.
क्या क्या रिस्क होते हैं?
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज या कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर वाली माताओं और मल्टिपल प्रेग्नेंसी (जैसे जुड़वां और ट्रिप्लेट्स) जैसी हाई रिस्क वाली प्रेग्नेंसी में, यूटेरो फीटल मैटर्नल सर्कुलेशन की निगरानी जरूरी है. इस सिस्टम में एब्नार्मेलिटी कई सीरियस कॉम्पलिकेशन पैदा कर सकती हैं जैसे कि-
1. प्लेसेंटल इंसफिशिएंसी (Placental insufficiency)
प्लेसेंटा में ब्लड फ्लो कम होने से भ्रूण में जरूरी पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है.
2. प्री-एक्लेमप्सिया (Preeclampsia)
ये स्थिति प्लेसेंटा में ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे फीटल ग्रोथ और डेवलपमेंट प्रभावित हो सकता है।
3. फीटल ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (Fetal growth restriction)
अपर्याप्त ब्लड फ्लो फीटल ग्रोथ को धीमा कर सकता है.
4. फीटल डेथ (Fetal Death)
गंभीर मामलों में, प्लेसेंटल अपर्याप्तता भ्रूण की मृत्यु का कारण बन सकती है.
फीटस की हेल्थ को मॉनिटर करने के तरीके
1. डॉपलर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound)
ये तकनीक येटेराइन और अम्बलिकल वेसेल्स में ब्लड फ्लो वेलॉसिटी को मापती है.
2. बायोफिजिकल प्रोफाइल (Biophysical Profile)
ये टेस्ट फीटस का हार्ट रेट, ब्रीदिंग मूवमेंट, बॉडी मूवमेंट, टोन और एमनियोटिक फ्लूइड वॉल्यूम जैसे फैक्टर्स का मूल्यांकन करके भ्रूण की वेल बीइंग का आकलन करता है.
3. एमनियोटिक फ्लूइड इंडेक्स (Amniotic Fluid Index)
ये एमनियोटिक एमनियोटिक फ्लूइड की मात्रा को मापता है, जो भ्रूण के विकास के लिए जरूरी है.
4. मैटरनल सीरम मार्कर (Maternal Serum Markers)
कुछ ब्लड टेस्ट गर्भावस्था की जटिलताओं के लिए बढ़े हुए जोखिम से जुड़े मार्करों की पहचान कर सकते हैं.
यूटेरो फीटल मैटर्नल सर्कुलेशन की बारीकी से निगरानी करके, हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स संभावित समस्याओं की जल्दी पहचान कर सकते हैं और मां और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.