Nana Patekar: फिल्म देखकर नाना को आया गुस्सा; लगाया फोन और फटकारा डायरेक्टर को, बोले- वाट लगा दी...
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Nana Patekar: फिल्म देखकर नाना को आया गुस्सा; लगाया फोन और फटकारा डायरेक्टर को, बोले- वाट लगा दी...

Nana Patekar Angry: नाना पाटेकर जल्द ही कोरोना काल में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा अपने दम पर तैयार की गई वैक्सीन की कहानी, द वैक्सीन वार (The Vaccine War) में दिखाई देंगे. फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने बड़े पैमाने पर बन रही सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों के बारे में महत्वपूर्ण बात कही है...

 

Nana Patekar: फिल्म देखकर नाना को आया गुस्सा; लगाया फोन और फटकारा डायरेक्टर को, बोले- वाट लगा दी...

Nana Patekar Films: नाना पाटेकर का अपना अंदाज है. वह बेहद सहज हैं और जो उन्हें सही लगता है, वह कहने में चूकते नहीं हैं. इसी महीने नाना की फिल्म द वैक्सीन वार (The Vaccine War) आने वाली है और इस फिल्म की तारीफ करते हुए, वह पूरा श्रेय निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) को दे रहे हैं. लंबे अर्से बाद पर्दे पर लौट रहे नाना पाटेकर फिल्म को प्रमोट भी कर रहे हैं. हाल में उन्होंने मीडिया से बातचीत (Nana Patekar Interview) में आज के समय में बन रही फिल्मों पर कुछ तीखी टिप्पणियां की. इस दौरान जब इन दिनों सच्ची घटनाओं पर फिल्मों की बात चली तो उन्होंने कहा कि निर्देशकों को ऐसी फिल्में बनाते वक्त बहुत सावधान रहने की जरूरत है.

कैसे दिखाया यह
नाना ने कहा कि जब आप किसी कहानी पर फिल्म बनाते हैं तो आप छूट लेकर कुछ भी दिखा सकते हैं, मगर जब आप किसी सच्ची घटना को पर्दे पर उतारने की बात करते हैं, तो आपसे सवाल किए जाएंगे. जब आप ऐसी फिल्म बनाते हैं, तो पूरा का पूरा फिल्म को वैसा होना चाहिए, जैसी घटना हुई थी. उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि कुछ समय पहले मैंने संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की फिल्म बाजीराव मस्तानी (Bajirao Mastani) देखी थी. नाना ने कहा कि फिल्म देखकर मैंने डायरेक्ट फोन करके भंसाली को डांटा था. मैंने भंसाली से कहा कि यह फिल्म में वाट लावली... जैसा गाना बाजीराव को गाते कैसे दिखाया जा सकता हैॽ

पसंद दर्शकों की
इसके बाद नाना ने कहा कि सब अपने-अपने हिसाब से फिल्म बनाते और दर्शक भी उसी तरह से देखते हैं. नाना ने कहा कि मुझे फिल्म देखकर लगा कि यह गाना नहीं होना चाहिए, परंतु फिल्ममेकर के तौर पर भंसाली को लगा कि यह गाना होना चाहिए. अब यह लोगों को भी पसंद आया. उन्होंने कहा कि लोगों को क्या पसंद करना चाहिए और क्या नहीं, यह तो मैं तय नहीं कर सकता हूं. मेकर के तौर पर मैं समझता हूं कि निर्देशक को क्या अच्छा लगता है, वह क्या दिखाना चाहता है, वही बनाता है. अब यह दर्शकों पर है कि वह उसे पसंद करते हुए देखते हैं या नहीं देखते हैं.

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