Lucky Ali: सिंगर-गीतकार लकी अली ने आज एक मुस्लिम होने के अकेलेपन को जाहिर करते हुए एक इमोशनल पोस्ट लिखा है. इस पोस्ट में लकी अली ने लिखा है कि उनसे दोस्त आपको छोड़कर चले जाते हैं. उन्होंने लिखा कि जो लोग इस्लामी रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, उन्हें अक्सर आतंकवादी करार दिया जाता है.
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Lucky Ali: 25 साल से अधिक के अपने करियर में सिंगर-गीतकार मकसूद महमूद अली ने कई चार्टबस्टर गाने दिए हैं. लकी अली के नाम से फेसम सिंगर ने अपनी आवाज से सालों-साल लोगों के दिलों पर राज किया है. दूसरे सिंगर्स की तरह लकी अली गानों की बमबारी नहीं करते हैं, बल्कि क्वॉलिटी पर ध्यान देते हुए फैन्स के लिए चुनिंदा सॉन्ग लेकर आते हैं. दिग्गज एक्टर महमूद अली के बेटे होने के बावजूद लकी अली ने अपनी अलग पहचान बनाई है, लेकिन इस बार वह अपने किसी गाने नहीं, बल्कि एक पोस्ट को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं.
लकी अली (Lucky Ali) सिंगिंग के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखने से जरा नहीं कतराते हैं. हाल ही में उन्होंने एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने आज एक मुस्लिम होने के अकेलेपन को जाहिर किया है. इस इमोशनल पोस्ट में लकी ने लिखा है कि जो लोग इस्लामी रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, उन्हें अक्सर आतंकवादी करार दिया जाता है.
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लकी अली के पोस्ट पर फैन्स कर रहे रिएक्ट
लकी अली ने अपने पोस्ट में लिखा, ''आज दुनिया में मुसलमान होना एक अकेलापन देता है. पैगम्बर की सुन्नत पर अमल करना बहुत बड़ी बात है, आपके दोस्त आपको छोड़ देंगे, दुनिया आपको आतंकवादी कहेगी.'' हालांकि, लकी अली के इस पोस्ट पर फैन्स ने भी जमकर अपने रिएक्शन दिए हैं. एक तरफ जहां कुछ यूजर्स लकी अली की बात से सहमत नजर आ रहे हैं. वहीं, बहुत से यूजर्स उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं.
बेंगलुरु में रहते हैं लकी अली
लीजेंडरी एक्टर महमूद के बेटे लकी बेंगलुरु में रहते हैं और एक ऑर्गेनिक फॉर्मर भी हैं. लकी को 2000 के दशक की शुरुआत में आए उनके खूबसूरत गानों के लिए जाना जाता है. उनका सबसे हालिया ट्रैक 'तू है कहां था', जिसे द लोकल ट्रेन द्वारा कंपोज और लिखा गया था. यह गाना रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'दो और दो प्यार' में विद्या बालन और प्रतीक गांधी पर फिल्माया गया था.
म्यूजिक में आने से पहले की एक्टिंग
बता दें कि लकी ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 1961 में आई फिल्म 'छोटे नवाब' में काम किया था. इस फिल्म में लकी अली के पिता महमूद ने तीन रोल निभाए थे. खुद को पूरी तरह से संगीत के प्रति समर्पित करने से पहले उन्होंने अपने शुरुआती सालों में फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा. उनका पहला प्लेबैक सॉन्ग महमूद की फिल्म 'एक बाप छे बेटे' (1978) में था.
1996 में आया था लकी अली का पहला एलबम
1996 में लकी अली का पहला एलबम 'सुनो' आया, जिसे खूब पसंद किया गया. लकी अली को उनके गानों जैसे 'ओ सनम', 'एक पल का जीना', 'सफरनामा', 'ना तुम जानो ना हम' के लिए जाना जाता है.