Lizard: घर में जहां कहीं भी लाइट्स जल रही होती हैं, छिपकली वहां नजर आ ही जाती है, क्योंकि कीट-पतंगे लाइट के चारों ओर मंडराते हैं और छिपकली यहीं पर इनके शिकार के लिए बैठी रहती है. आज जानेंगे कि यह क्यों रुक-रुक कर दौड़ती है.
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Why Lizard Take Breaks When Running: छिपकली का नाम लेते ही मन पता नहीं कैसा कैसा होने लगता है. ये घर की दीवारों या छत पर देखने को मिल जाती है. घर की महिलाओं को इनसे बहुत परेशानी होती है, क्योंकि गंदगी करने के अलावा कभी भी घर में कहीं से भी निकल आती हैं. हालांकि, छिपकली दीवारों और घर के कोनों में मौजूद कीट-पतंगों का सफाया करती है. फिर भी महिलाओं की सबसे बड़ी दुश्मन यही होती हैं.
छिपकली को देखकर बच्चे और ज्यादातर महिलाएं डर जाते हैं. बच्चों का तो समझ आता है कि यह छोटा-सा जीव उन्हें बहुत डरावना है, लेकिन महिलाओं के मुताबिक यह जितनी डरावनी नहीं होती उससे ज्यादा इन्हें देखकर मन घबरा जाता है, वजह है इनका रुक-रुक कर दौड़ लगाना. क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है? अगर जानते हैं तो बढ़िया है और अगर जान गए तो फिर कभी छिपकली को ऐसा करते देख डरेंगे नही.
इस वजह से लगती है डरावनी
आपने कभी घर में दीवार पर बैठी छिपकली की हरकतों पर ध्यान दिया होगा तो देखा होगा कि ये किसी कीड़े को पकड़ने के लिए तेजी से दौड़ लगाकर आती है और उसे दबोच लेती है, लेकिन शायद ही इस बात पर कभी गौर किया होगा कि छिपकली तेजी से तो दौड़ती है, लेकिन लगातार नहीं. जी हां, छिपकली दौड़ते हुए बीच-बीच में रुकती है.
ऐसा करते देख ही लोगों को उससे डर लगता है सब यही सोचते होंगे कि अब यह हमारी तरफ घूर रही है और हमारे ऊपर गिर पड़ेगी. दरअसल, छिपकली की आंखों पर पलकें नहीं होती हैं, जिसके कारण ये जीव और भी डरावना लगता है.
जानिए क्यों रुक-रुक कर दौड़ती है छिपकली
छिपकली बहुत फुर्ती से दौड़ती है, लेकिन वह लगातार नहीं दौड़ती सकती, क्योंकि वह सांस लेने के लिए ऐसा करती है. आपको बता दें कि छिपकली एक समय पर एक ही काम कर सकती है, ऐसे में या तो वह दौड़ सकती है या फिर सांस ले सकती है. इसलिए दौड़ते हुए उसे सांस लेने के लिए बीत-बीच में रुकना पड़ता है.
यही कारण है कि छिपकली अपने शिकार पर बड़ी तेजी से झपट्टा मारती है और अगर शिकार छूट कर भाग जाए तो फिर उसका पीछा नहीं करती. छिपकली 30 साल तक जिंदा रह सकती है. ये खतरा भांप कर अपनी पूंछ शरीर से अलग कर सकती हैं, लेकिन बाद में इनकी पूंछ फिर से उग आती है. आपक बता दें कि इसकी दुनियाभर में कई तरह की प्रजातियां पाई जाती हैं.