Bollywood Legend: कभी बिजनेस पार्टनर थे महमूद और जितेंद्र, फिर इसलिए टूटी दोस्ती और खत्म हुआ रिश्ता
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Bollywood Legend: कभी बिजनेस पार्टनर थे महमूद और जितेंद्र, फिर इसलिए टूटी दोस्ती और खत्म हुआ रिश्ता

Actor Jitendra: दो शानदार एक्टरों के बीच दोस्ती हो, यह जरूरी नहीं. दोस्ती होने पर वह लंबी चले, यह भी जरूरी नहीं है. असल में सिनेमा एक शुद्ध बिजनेस है, जिसमें भावनाओं की जगह ज्यादा नहीं होती. ऐसे में कई बार अच्छे एक्टरों की दोस्तियां टूटी हैं. महमूद और जितेंद्र की भावनाओं पर भी उनका बिजनेस हावी हो गया.

 

Bollywood Legend: कभी बिजनेस पार्टनर थे महमूद और जितेंद्र, फिर इसलिए टूटी दोस्ती और खत्म हुआ रिश्ता

Actor Mehmood: एक समय शानदार एक्टर जितेंद्र और बेहतरीन एक्टर-कॉमेडियन महमूद के बीच गहरी दोस्ती थी. दोनों ने कई फिल्में साथ-साथ की. दोस्ती इतनी अच्छी थी कि वे दोनों बिजनेस में पार्टनरभी थे. लेकिन कहते हैं फिल्में हों या जिंदगी, दोस्ती में चालाकियां काम नहीं आती. ऐसा ही कुछ अनुभव महमूद को हुआ. खैर अनुभव तो उन्हें जितेंद्र के साथ काम करते हुए कई बार हुआ. लेकिन महमूद टालते रहे. लगातार इग्नोर करते रहे. दोनों एक-दूसरे के इतने करीब थे कि उन्होंने मिलकर लंदन में फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिस भी खोला लेकिन बिजनेस में यह पार्टनरशिप ज्यादा नहीं चल पाई.

पार्टनरशिप के बाद
कहा जाता है कि जितेंद्र ने इस पार्टनरशिप से अपने हाथ खींच लिए. वह महमूद के साथ पार्टनरशिप में आगे कुछ नहीं करना चाहते थे. बहुत सालों बाद दोनों के बीच तनाव की स्थितियां कम हुई. महमूद ने लगातार महसूस किया कि जितेंद्र का बर्ताव उनके साथ सही नहीं है. दरअसल इसका अनुभव उन्हें हुआ फिल्म हमजोली (1970) के दौरान. महमूद के एक दोस्त प्रोड्यूसर बनना चाहते थे. नाम था, साधु. उनके लिए महमूद ने तिरुपति फिल्म्स के नाम से प्रोडक्शन हाउस खोला और हमजोली फिल्म बनाने के लिए डायरेक्टर टी.आर. रमन्ना और एक्टर जितेंद्र को साइन किया. लेकिन शूटिंग के दौरान ही साधु चल बसे.

फिल्म खरीद ली जितेंद्र ने
प्रोड्यूसर के गुजरने से फिल्म बीच में रुक गई. तब जितेंद्र आगे आए और उन्होंने फिल्म खरीद ली. गौरतलब है कि हमजोली में जितेंद्र के साथ लीना चंदावरकर, प्राण और महमूद  की मुख्य भूमिकाएं थी. महमूद का फिल्म में ट्रिपल रोल था. जब जितेंद्र ने फिल्म के प्रोडक्शन का जिम्मा उठाया तो उन्होंने फिल्म में काफी बदलाव करवाए. उन्हें लगा कि उनका रोल महमूद के ट्रिपल रोल की तुलना में काफी छोटा है तथा उतना दमदार भी नहीं है. तो उन्होंने फिल्म में अपना रोल बढ़वाया तथा महमूद के रोल पर कैंची चलवा दी. जब महमूद  ने देखा कि फिल्म की स्क्रिप्ट और उनके रोल में काफी अंतर है तो उन्हें काफी बुरा भी लगा लेकिन उन्होंने कुछ कहा नहीं. लेकिन इसी तरह की स्थितियां कई बार पैदा हुई जिसके कारण उन्होंने जितेंद्र से दूरी बनाना ही उचित समझा.

फिल्म तो चली मगर
जितेंद्र द्वारा निर्मित यह फिल्म खूब चली और जितेंद्र ने इस फिल्म से काफी पैसे भी बनाए. जितेंद्र की यह पहली होम प्रोडक्शन फिल्म थी. टी.आर. रमन्ना की यह फिल्म 1964 में आई तमिल फिल्म पनककरा कुदुम्बम का रीमेक थी. महमूद का इस फिल्म में ट्रिपल रोल था. उन्होंने बाप, बेटे और दादा की भूमिका निभाई थी. बाप और बेटे के किरदार में रियल लाइफ के राज कपूर और उनके पिता पृथ्वीराज कपूर की मिमिक्री की गई थी. हमजोली के एक गाने के लिए मुमताज ने कैबरे डांस परफॉर्म किया था. इस फिल्म ने महमूद और जितेंद्र की दोस्ती खत्म कर दी थी.

 

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