बुढ़ापे में चमकीली और पतली हो जाती है स्किन, सोचा है कभी आखिर क्यों होता है ऐसा? जरा साइंस के नजरिए से समझिए
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बुढ़ापे में चमकीली और पतली हो जाती है स्किन, सोचा है कभी आखिर क्यों होता है ऐसा? जरा साइंस के नजरिए से समझिए

Aging Skin Science: बढ़ती एज के साथ हमारी स्किन में काफी बदलाव होने लगते हैं. बूढ़े लोगों की त्वचा बिना कुछ लगाए ही बहुत शाइनी और थिन हो जाती है. क्या कभी सोचा है कि ऐसा होता क्यों है? चलिए जानते हैं कि बुढ़ापे में त्वचा क्यों बदलती है...

बुढ़ापे में चमकीली और पतली हो जाती है स्किन, सोचा है कभी आखिर क्यों होता है ऐसा? जरा साइंस के नजरिए से समझिए

Why Skin Become Thin With Age: क्या आपने कभी सोचा है कि उम्र बढ़ने के साथ हमारी त्वचा पतली, चमकीली और झुर्रियों वाली क्यों हो जाती है? यह बदलाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके पीछे कई कारण छिपे होते हैं. उम्र के साथ त्वचा में नमी और लचीलापन घटने लगता है. चलिए इसे साइंस के नजरिए से समझते हैं

उम्र के साथ त्वचा में क्या बदलाव आते हैं?
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा के ऊपरी परत (एपिडर्मिस) की मोटाई कम हो जाती है. इसके अलावा त्वचा के अंदरूनी परत (डर्मिस) में मौजूद कोलेजन और इलास्टिन नामक प्रोटीन की मात्रा घटने लगती है. ये प्रोटीन त्वचा को मजबूत और लचीला बनाए रखते हैं. जब इनकी मात्रा कम होती है, तो त्वचा पतली और ढीली नजर आने लगती है.

क्यों होती है त्वचा चमकीली?
बुढ़ापे में त्वचा की बाहरी सतह में मौजूद नेचुरल ऑयल (सीबम) का उत्पादन घटने लगता है. इससे त्वचा की नमी कम होती है और यह रूखी और चमकीली दिखने लगती है. इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन स्लो होने के कारण त्वचा की प्राकृतिक चमक भी घट जाती है.

बाहरी कारण जो त्वचा को प्रभावित करते हैं
पर्यावरणीय कारण जैसे सूरज की रोशनी, प्रदूषण, और धूम्रपान भी त्वचा की सेहत पर असर डालते हैं. सूरज की UV किरणें त्वचा के कोलेजन को तोड़ देती हैं, जिससे समय से पहले झुर्रियां और ढीलापन आ सकता है. इसी तरह प्रदूषण और खराब जीवनशैली त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं.

झुर्रियां और बुढ़ापे का गहरा रिश्ता
झुर्रियां बुढ़ापे की पहचान मानी जाती हैं. यह त्वचा की इलास्टिसिटी कम होने और कोलेजन फाइबर टूटने की वजह से होती हैं. उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की कोशिकाएं खुद को उतनी जल्दी रीजनरेट नहीं कर पातीं, जिससे झुर्रियां और फाइन लाइन्स दिखाई देने लगती हैं. इसके अलावा, नींद की कमी और तनाव भी झुर्रियां बढ़ाने में योगदान करते हैं.

हार्मोनल बदलाव का असर
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हार्मोनल बदलाव त्वचा पर बड़ा असर डालते हैं. इस दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे त्वचा में नमी और कोलेजन का उत्पादन घटता है. यही कारण है कि इस उम्र में त्वचा और भी ज्यादा पतली और संवेदनशील हो जाती है. पुरुषों में भी उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटने से त्वचा पर असर पड़ता है.

ऐसे रखे त्वचा का ख्याल
त्वचा की सेहत बनाए रखने के लिए नियमित मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल, संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीना बेहद जरूरी है. विटामिन C और E से भरपूर भोजन और सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं. डॉक्टर की सलाह से एंटी-एजिंग क्रीम और उपचार भी लिए जा सकते हैं.

त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्राकृतिक उपाय बेहद कारगर हो सकते हैं. एलोवेरा जेल, नारियल तेल और शहद जैसी चीजें त्वचा को मॉइस्चराइज करने और चमक बरकरार रखने में मदद करती हैं. इसके अलावा, योग और प्राणायाम जैसे व्यायाम ब्लड फ्लो को बढ़ाकर त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं. नेचुरल स्क्रब और फेस मास्क त्वचा की डेड सेल्स को हटाने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा साफ और तरोताजा दिखती है.

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